युद्धकाल में बच्चों की मानसिक और भावनात्मक देखभाल क्यों है महत्वपूर्ण

  • Post By Admin on May 07 2025
युद्धकाल में बच्चों की मानसिक और भावनात्मक देखभाल क्यों है महत्वपूर्ण

वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में युद्ध और तनावपूर्ण हालातों की खबरें आम हो गई हैं। ऐसे में बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की सुरक्षा माता-पिता के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। अक्सर देखा जाता है कि जब परिवार के सदस्य टीवी पर सीमा पर तनाव, एयर स्ट्राइक या हमले से जुड़ी खबरें देख रहे होते हैं, तो बच्चे सहमे और डरे हुए नजर आते हैं। इस स्थिति में माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के डर को समझें और उन्हें भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करें।

बच्चों से खुलकर करें संवाद

युद्ध जैसी परिस्थिति में सबसे महत्वपूर्ण है कि माता-पिता बच्चों से उनके डर और आशंकाओं के बारे में खुलकर बात करें। उन्हें सरल और सकारात्मक शब्दों में यह समझाएं कि हालात मुश्किल हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं। बच्चों की उम्र के अनुसार जानकारी दें ताकि वे मानसिक रूप से संतुलित रह सकें।

 भावनाओं को समझें और समर्थन दें

बच्चों को यह कहकर चुप कराना कि डरने की जरूरत नहीं है, उचित नहीं है। अगर बच्चा भयभीत है या चिंतित है तो उसकी भावनाओं का सम्मान करें और उसे भरोसा दिलाएं कि डर स्वाभाविक है। इससे बच्चे को मानसिक संबल मिलेगा।

 दिनचर्या बनाए रखें सामान्य

युद्ध के तनावपूर्ण माहौल में भी बच्चों की दिनचर्या को सामान्य बनाए रखना जरूरी है। खेलना, पढ़ना, समय पर भोजन करना और सोना जैसी गतिविधियों को नियमित रखें। इससे बच्चों को सुरक्षा का अनुभव होता है और उनका मन स्थिर रहता है।

 खबरों से बनाए रखें दूरी

बच्चों के सामने लगातार युद्ध या हिंसा से जुड़ी खबरें देखना उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि बच्चों के सामने टीवी पर डरावनी खबरें न चलाएं और मोबाइल में भी ऐसे कंटेंट से दूरी बनाए रखें।

 सकारात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखें

बच्चों को ड्राइंग, पजल्स, कहानी सुनना या खेल जैसी रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखें। इससे उनका ध्यान युद्ध जैसी परिस्थितियों से हटकर सकारात्मक ऊर्जा की ओर केंद्रित रहेगा।

 मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा पर जोर

युद्ध जैसे हालात में बच्चों की देखभाल सिर्फ शारीरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को यह भरोसा दिलाएं कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, पूरा परिवार उनके साथ है और जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।

युद्ध का माहौल न सिर्फ वयस्कों बल्कि बच्चों के लिए भी मानसिक दबाव का कारण बनता है। इसलिए इस कठिन समय में बच्चों के दिल और दिमाग की सुरक्षा के लिए माता-पिता की संवेदनशीलता और समझदारी सबसे अधिक आवश्यक है।