भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या और उनसे होने वाली मौतें बनी गंभीर समस्या
- Post By Admin on Jul 11 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, परंतु एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें अभी भी सुधार की अत्यधिक आवश्यकता है, वह है परिवहन सुरक्षा। भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या और उनसे होने वाली मौतें एक गंभीर समस्या बनी हुई है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में, परिवहन नियमों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति भयावह है। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, हर साल लगभग 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। यह आंकड़ा अन्य देशों की तुलना में काफी अत्यधिक है और इसे कम करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
सड़क दुर्घटनाओं के कई प्रमुख कारण हैं, जैसे तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाना, अनियंत्रित वाहन चालकों का व्यवहार, खराब सड़क स्थितियां, और यातायात नियमों की अनदेखी। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, परिवहन नियमों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि इन दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
सबसे पहले, वर्तमान नियमों और कानूनों का सख्ती से पालन करना आवश्यक है। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। इसके लिए सड़क पर पुलिसिंग को बढ़ाना और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना जरूरी है।
वाहन चलाने के लिए सही प्रशिक्षण और शिक्षा आवश्यक है। हर साल हजारों नए ड्राइवर लाइसेंस प्राप्त करते हैं, परंतु उनमें से कोई सही प्रशिक्षण नहीं लेते। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लाइसेंस प्राप्त करने से पहले हर ड्राइवर को उचित प्रशिक्षण मिले। लाइसेंस देने से पहले एक ट्रेनिंग के साथ उचित परीक्षा या साक्षात्कार जैसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए ।
सड़कों की खराब स्थिति भी दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सड़कों की गुणवत्ता में सुधार हो और नई सड़कों का निर्माण बेहतर तकनीकों का उपयोग करके किया जाए। इसके अलावा, सड़क संकेतकों और स्पीड ब्रेकरों का सही स्थान पर होना भी महत्वपूर्ण है।
शराब और नशीली दवाओं के प्रभाव में गाड़ी चलाना दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। शराब की बिक्री और सेवन पर नियंत्रण रखने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं और नियमित जांच की जाए।
यातायात प्रबंधन में सुधार के लिए सरकार को स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करना चाहिए। इसमें सेंसर, कैमरे और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है ताकि यातायात की निगरानी और नियंत्रण प्रभावी ढंग से हो सके।
सड़क सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। इसमें मीडिया, सोशल मीडिया, स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम शामिल किए जा सकते हैं।
मोदी सरकार को सड़क सुरक्षा के मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए एक व्यापक और प्रभावी योजना तैयार करनी चाहिए। इसके लिए सरकार को विभिन्न स्टेकहोल्डर्स जैसे पुलिस, परिवहन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम करना होगा।
सरकार को नए और सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है जो सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करें। नए कानूनों में तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाना, और बिना लाइसेंस के वाहन चलाने जैसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। सभी बड़े वाहनों में रेडियम स्टीकर का चारों तरफ लगना अनिवार्य हो और ट्रक, बस जैसे बड़े वाहनों में आगे कैमरा लगाकर उसका डिस्प्ले गाड़ी चालक के सामने लगाया जाए । अधिक ऊंचाई के कारण वाहन के काफी नजदीक किसी के आने पर चालक को जानकारी नहीं मिलती है । दुर्घटना की एक वजह यह भी है ।
सार्वजनिक परिवहन की स्थिति में सुधार करना भी महत्वपूर्ण है। अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने से निजी वाहनों की संख्या कम हो सकती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी घट सकती है।
सड़क सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए परिवहन नियमों में सुधार करना चाहिए। विकसित देशों में अपनाए गए सफल मॉडलों को अध्ययन कर भारत में लागू किया जा सकता है।
सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक जटिल और बहुआयामी समस्या है, जिसके लिए व्यापक और ठोस उपायों की आवश्यकता है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में, परिवहन नियमों को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम उठाना अनिवार्य है ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके और देश की सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके। यह न केवल नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि देश के आर्थिक विकास और सामाजिक स्थायित्व के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकार को इस दिशा में तत्काल और प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और देश का हर नागरिक सुरक्षित यात्रा का अनुभव कर सके।