जानें गणतंत्र दिवस से जुड़े ये फैक्ट्स, बनाएगा आपके भाषण को और प्रभावशाली

  • Post By Admin on Jan 23 2025
जानें गणतंत्र दिवस से जुड़े ये फैक्ट्स, बनाएगा आपके भाषण को और प्रभावशाली

भारत का गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान के लागू होने की वर्षगांठ का प्रतीक है। इस साल हम 76वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं, जिसकी थीम "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" रखी गई है। 

15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली थी। लेकिन उस समय देश के पास अपना संविधान नहीं था। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ। इसे आधिकारिक रूप से 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। संविधान लागू होने के साथ ही भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना।

गणतंत्र दिवस का मुख्य आयोजन नई दिल्ली के कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर होता है। विजय चौक से शुरू होकर यह परेड हजारों दर्शकों के सामने देश की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है। भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान इस परेड में हिस्सा लेते हैं। इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों की झांकियां भी प्रस्तुत की जाती हैं।

इस साल परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार के 10 मंत्रालयों की झांकियां भारत की प्रगति और विकास यात्रा को दर्शाएंगी। इस आयोजन में देशभर के कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

इस दिन राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और 21 तोपों की सलामी दी जाती है। राष्ट्रगान 'जन गण मन' के साथ समारोह की शुरुआत होती है। परेड के दौरान देश की सैन्य ताकत, उन्नत हथियार प्रणाली और विभिन्न सांस्कृतिक झांकियां देश की विविधता और एकता को प्रदर्शित करती हैं।

भारत के संविधान को बनाने में डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बी.एन. राव और अन्य प्रमुख नेताओं का योगदान रहा। 

26 जनवरी 1950 को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया और गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।