बजट 2024 : आम जनता की उम्मीदों को गहरी निराशा

  • Post By Admin on Jul 25 2024
बजट 2024 : आम जनता की उम्मीदों को गहरी निराशा

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट ने आम जनता की उम्मीदों को गहरी निराशा में बदल दिया है। देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की उम्मीद के साथ लोगों की निगाहें इस बजट पर थीं, लेकिन इसके प्रावधानों ने कई मायनों में निराश किया। खासकर बिहार जैसे राज्यों के लिए, जिन्हें विशेष सौगात की उम्मीद थी, यह बजट कोई बड़ी राहत नहीं ला पाया।

देश की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से अनेक चुनौतियों का सामना कर रही है। कोरोना महामारी के बाद से ही आर्थिक विकास की गति धीमी पड़ी है। महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ती आर्थिक असमानता जैसी समस्याएं आम जनता के लिए चिंता की विषय बनी हुई हैं। इस संदर्भ में, बजट से उम्मीद थी कि ये समस्याएं हल होंगी और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।

बजट में ऐसे कई प्रावधान शामिल हैं जो आम जनता की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाते हैं। विशेषकर मध्यम वर्ग, जो महंगाई की मार से जूझ रहा है, उसे बजट में कोई विशेष राहत नहीं मिली है। आयकर दरों में अपेक्षित कटौती नहीं हुई है, जिससे इस वर्ग को आर्थिक रूप से मजबूत होने में मदद मिल सकती थी। इसके अलावा, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी क्षेत्रों में अपेक्षित वृद्धि और सुधार के लिए बजट में कोई ठोस योजना नहीं देखी गई।

बिहार, जो विकास के कई पैमानों पर पिछड़ा हुआ है को इस बजट से विशेष पैकेज की उम्मीद थी। राज्य की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, जैसे कि सड़क, बिजली और जलापूर्ति, सुधार की दरकार रखती हैं। इसके अलावा, बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए समर्थन और किसानों के लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता है, जो बजट में नदारद रही।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी कई वर्षों से की जा रही है, ताकि राज्य को अधिक केंद्रीय सहायता मिल सके। यह दर्जा बिहार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक हो सकता था, लेकिन बजट में इस दिशा में कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला।

बिहार के लिए औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिए भी बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। राज्य में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है और इसे दूर करने के लिए औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने की आवश्यकता है। लेकिन बजट में इस दिशा में भी कोई ठोस योजना नहीं दिखाई दी।

केंद्र सरकार के इस बजट से स्पष्ट है कि बिहार जैसे राज्यों को उनके विकास के लिए आत्मनिर्भरता की ओर अधिक ध्यान देना होगा। राज्य सरकार को अपनी नीतियों और संसाधनों का सही उपयोग करके विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

केंद्र सरकार का बजट आम जनता और बिहार जैसे राज्यों के लिए अपेक्षित राहत नहीं ला सका। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकारें अपनी नीतियों और योजनाओं के माध्यम से किस प्रकार इन चुनौतियों का सामना करती हैं और अपने राज्यों के विकास को सुनिश्चित करती हैं।