तनाव बन सकता है घातक, ससमय उपचार और सही दिनचर्या लाभदायक : डॉ. सिंह
- Post By Admin on Feb 20 2025

बेंगलुरु : होमियोपैथिक चिकित्सक और क्रॉनिक डिजीज एंड किडनी स्टोन स्पेशलिस्ट, डॉ. अरुण कुमार सिंह ने तनाव (स्ट्रेस) से निजात पाने के लिए प्रभावशाली सुझाव दिए हैं। उन्होंने बताया कि तनाव से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं जैसे हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, पेट की समस्याएँ, इम्यूनिटी में कमी और अन्य शारीरिक विकार। तनाव को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने कुछ उपयोगी होमियोपैथिक दवाओं के बारे में जानकारी दी।
तनाव के कारण होने वाली शारीरिक समस्याएं
डॉ. सिंह के अनुसार, तनाव से शरीर में कई परिवर्तन होते हैं, जैसे रक्तचाप का बढ़ना, पेट की समस्या (दस्त, कब्ज) और नींद की कमी। इस स्थिति में तनाव को कम करने के लिए नियमित व्यायाम, योग, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद की सलाह दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सकारात्मक सोच और शारीरिक गतिविधियाँ तनाव को कम करने में मदद करती हैं। तनाव से बचने के लिए उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए:
व्यायाम: डॉ. सिंह ने रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे दौड़ना, तैराकी, योग, और ध्यान करने की सलाह दी। यह मस्तिष्क में एंडोर्फिन के उत्सर्जन को बढ़ाता है, जो तनाव को कम करता है।
नींद: तनाव से बचने के लिए पर्याप्त नींद आवश्यक है। डॉ. सिंह के अनुसार, हर दिन 6-8 घंटे की नींद लेने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, और शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। उन्होंने धूम्रपान और शराब से बचने की भी सलाह दी।
सोशल मीडिया का कम उपयोग: डॉ. सिंह ने सोशल मीडिया पर अत्यधिक समय बिताने से बचने का सुझाव दिया, ताकि मानसिक तनाव को नियंत्रित किया जा सके।
होमियोपैथिक दवाओं से राहत
डॉ. सिंह ने तनाव से राहत पाने के लिए कुछ विशेष होमियोपैथिक दवाओं का उल्लेख किया है:
इग्नाटिया अमारा: यह दवा उन लोगों के लिए है जो अत्यधिक दुख, चिंता और मूड स्विंग्स का सामना कर रहे हैं। यह 2 ड्रॉप्स को एक चम्मच पानी में घोलकर दिन में दो बार लें।
जैल्सीमियम: यह दवा कमजोरी, चक्कर आना, थकान और मानसिक उदासीनता में मदद करती है। इसे 2 ड्रॉप्स दिन में दो बार पानी में घोलकर लिया जा सकता है।
काली फॉस्फोरिकम: यह दवा मानसिक और शारीरिक थकावट से राहत देने के लिए प्रभावी है। इसे 4 टैबलेट्स दिन में चार बार गुनगुने पानी के साथ लिया जाना चाहिए।
नक्स वोमिका: यह दवा तनाव, चिड़चिड़ापन और गुस्से के लिए प्रभावी है। इसे दिन में दो बार पानी में घोलकर लिया जा सकता है।
ऑरम मेट: यह उन व्यक्तियों के लिए है जो निराशावादी सोच रखते हैं और जीवन में निराशा महसूस करते हैं। इसे सुबह और शाम 2 ड्रॉप्स पानी में मिलाकर लिया जा सकता है।
एकोनिटम नैपेलस: यह दवा अत्यधिक चिंता, पैनिक अटैक और शारीरिक लक्षणों (जैसे तेज धड़कन, सांस की तकलीफ) के लिए उपयोगी है। इसे दिन में दो बार लिया जा सकता है।
कॉफ़ी क्रुडा: यह दवा तनाव के कारण होने वाली अनिद्रा के लिए प्रभावी है। इसे दिन में दो बार लिया जा सकता है।
आर्सेनिकम एल्बम: यह दवा चिंता, पैनिक अटैक और शारीरिक बेचैनी को दूर करने में मदद करती है। इसे सुबह और शाम लिया जा सकता है।
तनाव को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी
डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि तनाव से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव आवश्यक है। जैसे- पर्याप्त नींद, शारीरिक गतिविधियाँ, सकारात्मक सोच, और सामाजिक जीवन को संतुलित करना। सोशल मीडिया से अधिक समय बचाना और नकारात्मकता से बचना भी तनाव को कम करने में मदद करता है।
उन्होंने कहा कि "जीवन एक छोटा सा सफर है, इसको सही तरीके से जीना चाहिए और परिवार में खुशहाली बनाए रखनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसे सिख सकें।"
डॉ. अरुण कुमार सिंह ने अपने सुझावों से यह साबित किया कि तनाव का इलाज केवल दवाओं से ही नहीं, बल्कि जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलावों से भी किया जा सकता है।