जिले में 900 से अधिक टीबी मरीजों का चल रहा है इलाज, स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी सलाह
- Post By Admin on Sep 30 2024

लखीसराय : जिले में वर्तमान में कुल 912 टीबी मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिनमें से 24 मरीज मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के हैं। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. श्रीनिवास शर्मा का कहना है कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन यदि इसका समय पर इलाज किया जाए, तो मरीज अपनी पुरानी दिनचर्या में वापस लौट सकते हैं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि इस बीमारी से बचाव और स्थायी निजात के लिए समय पर जांच और समुचित इलाज कराना बहुत जरूरी है। यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण दिखें, तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और जांच कराएं। चिकित्सा परामर्श का पालन करना आवश्यक है ताकि मरीज इस बीमारी से पूरी तरह से छुटकारा पा सकें।
टीबी मरीजों के इलाज की जानकारी :
सिविल सर्जन डॉ. बीपी सिन्हा ने बताया कि इस वर्ष अब तक 912 टीबी मरीजों का सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। एमडीआर टीबी के मरीजों के इलाज को आसान बनाने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। पहले एमडीआर टीबी के मरीजों को 24 महीने तक दवा लेनी पड़ती थी, लेकिन अब उन्हें शॉर्ट टर्म में 9 से 11 और लॉन्ग टर्म में 18 से 20 महीने तक दवा लेनी होती है। इसके लिए बीडाकुलीन नामक दवा की शुरुआत की गई है, जो केवल सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है।
टीबी से बचाव के उपाय :
डॉ. शर्मा ने टीबी से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी हैं:
- 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- दवा का पूरा कोर्स लें और डॉक्टर से बिना पूछे दवा बंद न करें।
- खांसने या छींकने से पहले मुंह को पेपर या नैपकिन से कवर करें और मास्क पहनें।
- मरीज को किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकने और उसमें फिनाइल डालकर डस्टबिन में डालने की सलाह दी गई है।
- पौष्टिक खाना खाएं, नियमित व्यायाम और योग करें।
- बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू और शराब से दूर रहें।
- भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें।
टीबी के लक्षण :
टीबी के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- भूख कम लगना और वजन का अचानक कम होना।
- बेचैनी, सुस्ती, सीने में दर्द और रात में पसीना आना।
- हल्का बुखार रहना।
- खांसी, खांसी में बलगम और कभी-कभी बलगम में खून आना।
- गर्दन की लिम्फ ग्रंथियों में सूजन।
- गहरी सांस लेने पर सीने में दर्द और कमर की हड्डी पर सूजन।
डॉक्टरों ने जिले के निवासियों से अपील की है कि वे टीबी से संबंधित किसी भी लक्षण की पहचान पर तुरंत कार्रवाई करें और उचित चिकित्सा लें, ताकि इस घातक बीमारी से बचा जा सके।