किश्तवाड़ आपदा पर शोक की लहर, राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने जताई गहरी संवेदना

  • Post By Admin on Aug 14 2025
किश्तवाड़ आपदा पर शोक की लहर, राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने जताई गहरी संवेदना

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चशोती क्षेत्र में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से हुई तबाही पर देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत व बचाव कार्य में सफलता की कामना करती हूं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर चिंता जताते हुए कहा, “मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है, बचाव और राहत अभियान लगातार जारी है। जरूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हर परिस्थिति में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी है। अमित शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, “स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। एनडीआरएफ की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।”

एसडीआरएफ अधिकारियों के अनुसार, किश्तवाड़ आपदा में अब तक 15 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। कई घायलों को किश्तवाड़ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सेना और आपदा प्रबंधन बल के जवान लगातार मलबा हटाने, लापता लोगों की खोज और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास कर रहे हैं।

आपदा प्रभावित इलाकों में सैकड़ों घर, दुकानें और मचैल माता यात्रा से जुड़े अस्थायी ढांचे बाढ़ में बह गए हैं। कई सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त होने से राहत दलों को पहुंचने में कठिनाई हो रही है, हालांकि वायुसेना के हेलिकॉप्टर भी राहत कार्य में लगाए जाने पर विचार हो रहा है।