अरावली को बचाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है : भूपेंद्र यादव
- Post By Admin on Dec 23 2025
नई दिल्ली : अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण को लेकर देशभर में जारी बहस के बीच केंद्र सरकार ने अपना रुख पूरी मजबूती से स्पष्ट कर दिया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि अरावली को बचाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कोई भी निर्णय वैज्ञानिक, पर्यावरणीय और न्यायिक कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही लिया जाएगा।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से विशेष बातचीत में भूपेंद्र यादव ने कहा कि अरावली का मुद्दा सिर्फ एक पहाड़ी श्रृंखला तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की जल सुरक्षा, पर्यावरण संतुलन और पारिस्थितिकी से जुड़ा गंभीर विषय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाई गई है और जब तक एक व्यापक वैज्ञानिक मैनेजमेंट प्लान तैयार नहीं हो जाता, तब तक किसी भी नए खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने ‘ग्रीन अरावली प्रोजेक्ट’ को मान्यता दी है और भारतीय वन अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) को अरावली क्षेत्र के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन योजना तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस योजना के तहत अरावली पहाड़ियों की पहचान, उनकी इको-सेंसिटिविटी और संरक्षण के उपाय तय किए जाएंगे।
100 मीटर तक खनन की अनुमति दिए जाने से जुड़े दावों को खारिज करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस तरह की बातें पूरी तरह भ्रामक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऊंचाई के आधार पर कोई नई छूट नहीं दी गई है, बल्कि अरावली रेंज की वैज्ञानिक पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि खेती योग्य भूमि का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा खनन क्षेत्र से बाहर रहेगा और संरक्षित क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कोई नया रुख नहीं है, बल्कि अवैध खनन को रोकने के लिए वर्षों से चल रही न्यायिक प्रक्रिया का परिणाम है। पूर्ववर्ती सरकारों के समय बड़े पैमाने पर अवैध खनन होने के कारण ही यह मामला अदालत तक पहुंचा था।
भूपेंद्र यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि अरावली के किसी भी हिस्से को मैनेजमेंट प्लान से बाहर नहीं रखा गया है और सभी जिलों के लिए अलग-अलग वैज्ञानिक योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बिना ठोस योजना के किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मंत्री ने आरोप लगाया कि अरावली को लेकर जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब जनता सच्चाई समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी पारदर्शिता और वैज्ञानिक सोच के साथ अरावली के संरक्षण के लिए काम कर रही है और किसी भी तरह की अफवाहें इस प्रयास को कमजोर नहीं कर पाएंगी।