छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की दंडवत परेड, नौकरी की बहाली की लगाई गुहार

  • Post By Admin on Jan 13 2025
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की दंडवत परेड, नौकरी की बहाली की लगाई गुहार

रायपुर : छत्तीसगढ़ में बीएड सहायक शिक्षकों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में राजधानी रायपुर में अनोखा प्रदर्शन देखने को मिला। इन शिक्षकों ने दंडवत होकर सरकार से नौकरी पर पुनः बहाली की अपील की। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान के बाहर चल रहे छत्तीसगढ़ राज्य युवा महोत्सव के दौरान शिक्षकों के इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना को युवाओं की दुर्दशा का प्रतीक बताया। उन्होंने प्रदर्शन का वीडियो साझा करते हुए कहा, "छत्तीसगढ़ का यह वीडियो देश के युवाओं की दुर्दशा का एक छोटा सा उदाहरण है। प्रदेश में 33 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं और 1 लाख नौकरी देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया। ये लड़कियां नौकरी की गुहार लगाते हुए इस कड़ाके की ठंड में सड़क पर लेटकर विरोध जता रही हैं।

आज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत हर राज्य के युवा भाजपा के भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा ने पूरे देश के युवाओं का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है।"

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन छत्तीसगढ़ के युवा दंडवत होकर सरकार से निवेदन कर रहे हैं। यह दृश्य अत्यंत कष्टदायक है। सरकार करोड़ों खर्च कर 'युवा महोत्सव' का ढोंग कर रही है। जबकि युवाओं की आवाज को अनसुना किया जा रहा है।"

बताया जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने शिक्षकों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों को लेकर आगे बढ़ते रहे। इससे पहले, इन शिक्षकों ने नेताओं के बंगलों पर अपनी गुहार लगाई थी। नवा रायपुर के धरना स्थल पर पुरुष शिक्षकों ने विरोध स्वरूप मुंडन भी करवाया था।

साल 2025 के पहले दिन राज्य सरकार ने 2897 सहायक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। ये शिक्षक नियमित कर्मचारी थे, जिन्हें सरकार ने विधिवत प्रक्रिया के तहत नियुक्त किया था। इनमें से अधिकांश शिक्षक बस्तर और सरगुजा संभाग से आते हैं और 70% शिक्षक अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं।

इन शिक्षकों की नियुक्ति कांग्रेस और भाजपा सरकार के दौरान हुई थी। 2024 में हुई काउंसिलिंग के बाद इन्हें नियुक्त किया गया। लेकिन अदालत के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया। शिक्षकों को अपनी बात रखने के लिए केवल सात दिन का समय दिया गया था।