बाढ़ और अवैध पेड़ कटाई पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चार राज्यों से दो हफ्ते में जवाब तलब
- Post By Admin on Sep 04 2025

नई दिल्ली : हाल के दिनों में उत्तर भारत में आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर सरकारों को नोटिस जारी कर दो हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह साफ दिखता है कि बड़े पैमाने पर अवैध पेड़ कटाई हुई है, जो आपदा का एक प्रमुख कारण हो सकता है। कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के पानी में लकड़ी के गट्ठर बहते देखे गए, जो अनियंत्रित कटाई का प्रमाण है।
पीठ ने कहा, "विकास जरूरी है, लेकिन वह संतुलित होना चाहिए।" अदालत ने सवाल उठाया कि प्रभावित राज्य इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए अब तक क्या ठोस कदम उठा पाए हैं और आगे उनकी क्या तैयारी है।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी मामले की गंभीरता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "हमने प्रकृति के साथ इतनी छेड़छाड़ की है कि अब वह हमें उसका जवाब दे रही है।" उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे पर पर्यावरण मंत्रालय और राज्यों के मुख्य सचिवों से समन्वय किया जाएगा।
गौरतलब है कि पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में हाल की भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पंजाब में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं, जहां कई गांव पूरी तरह जलमग्न हैं।