रणवीर इलाहाबादिया के पिता गौतम इलाहाबादिया हैं स्पर्म बैंक के संस्थापक

  • Post By Admin on Feb 17 2025
रणवीर इलाहाबादिया के पिता गौतम इलाहाबादिया हैं स्पर्म बैंक के संस्थापक

मुंबई : यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया इन दिनों अपनी विवादित टिप्पणियों के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में पेरेंट्स के बारे में भद्दी टिप्पणी की थी, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। इस विवाद के बीच रणवीर इलाहाबादिया के पिता गौतम इलाहाबादिया भी सुर्खियों में आ गए हैं। गौतम इलाहाबादिया IVF विशेषज्ञ हैं और स्पर्म बैंक के संस्थापक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

गौतम इलाहाबादिया का करियर और IVF लैब की शुरुआत

गौतम इलाहाबादिया एक डॉक्टर के परिवार से आते हैं, लेकिन उन्होंने कभी कलाकार बनने का सपना देखा था। हालांकि, बाद में उन्होंने अपना रुख चिकित्सा क्षेत्र की ओर मोड़ा और अपनी बिल्डिंग के गैरेज में एक छोटा सा क्लिनिक और IVF लैब स्थापित किया। गौतम इलाहाबादिया को मिरेकल मैन के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने IVF (In Vitro Fertilization) और स्पर्म प्रोसेसिंग में विशेष रूप से काम किया। उनका IVF सेंटर ‘रोटुंडा’ के नाम से प्रसिद्ध है, जहां उन्होंने कई किताबें लिखी हैं और कई पेपर प्रकाशित किए हैं। इसके अलावा, उन्होंने इस क्षेत्र में कई पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं।

स्पर्म बैंक के खिलाफ परिवार की आलोचना

गौतम इलाहाबादिया का सबसे बड़ा योगदान स्पर्म बैंक की स्थापना है, जो उन्होंने 1996 में की थी। लेकिन इस कदम के लिए उन्हें अपने परिवार और समाज से काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। उनकी वेबसाइट पर दिए गए बयान के अनुसार, उनके पेरेंट्स ने इस विचार का विरोध किया था, क्योंकि उस समय लोग स्पर्म बैंक को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखते थे। गौतम ने बताया कि उन्होंने इस स्पर्म बैंक की शुरुआत बैंक लोन से की थी और समाज में इसके खिलाफ काफी धक्का-मुक्की का सामना किया। लोग उन्हें नीचा दिखाते थे क्योंकि वह लोगों का स्पर्म इकट्ठा करते थे, लेकिन उनके विश्वास के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में इस सोच में बदलाव आया है और अब समाज इसे एक महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवा मानता है।

गौतम इलाहाबादिया के योगदान के कारण उन्हें भारत में पहली ट्रांस-एथनिक सरोगेसी (Surrogacy) और समलैंगिक जोड़ों के लिए पहली प्रेग्नेंसी कराने के लिए भी जाना जाता है। उनका यह काम समाज में समानता और समर्पण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। उनके योगदान ने IVF और सरोगेसी जैसे चिकित्सा प्रक्रियाओं को मुख्यधारा में लाने में मदद की है, जिससे लाखों लोगों को संतान सुख की प्राप्ति हुई है।