पीएम मोदी ने साझा किए बचपन के अनुभव, बताया क्यों भागते थे कॉम्पिटिशन से दूर

  • Post By Admin on Jan 10 2025
पीएम मोदी ने साझा किए बचपन के अनुभव, बताया क्यों भागते थे कॉम्पिटिशन से दूर

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में निखिल कामत के साथ एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में अपने बचपन के कई अनछुए पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि वह बचपन में एक सामान्य छात्र थे, जिन्हें टीचरों का खूब प्यार मिलता था। हालांकि, पढ़ाई में औसत रहने के बावजूद, वह नई गतिविधियों में गहरी रुचि रखते थे।

कॉम्पिटिशन से क्यों भागते थे दूर?

पीएम मोदी ने बताया कि उन्हें पढ़ाई में कॉम्पिटिशन का तत्व पसंद नहीं था। उन्होंने कहा, "अगर ज्यादा पढ़ना है और उसमें कॉम्पिटिशन का ऐलिमेंट है तो मैं उससे दूर भागता था। मेरा फोकस परीक्षा पास करने तक ही रहता था। लेकिन नई एक्टिविटीज में मेरी गहरी रुचि थी। जो भी नई चीज सामने आती, मैं उसे सीखने की कोशिश करता था।"

टीचरों का प्यार और उनकी उम्मीदें

पीएम मोदी ने अपने टीचरों के साथ अपने रिश्ते को भी साझा किया। उन्होंने कहा, "मेरे टीचरों का मुझ पर बहुत प्यार था। एक टीचर ने एक बार मेरे पिता से कहा था कि ‘इस बच्चे में टैलेंट है, लेकिन यह ध्यान केंद्रित नहीं करता। यह हर चीज को बहुत जल्दी समझ लेता है और फिर अपनी दुनिया में खो जाता है।’"

बचपन के दोस्तों से जुड़ने की कोशिश

प्रधानमंत्री ने अपने बचपन के दोस्तों से जुड़ने के प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब वह मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने अपने सभी पुराने दोस्तों को सीएम हाउस बुलाया। इस अनुभव के बारे में उन्होंने कहा, "मैं चाहता था कि मेरे दोस्त मुझे वैसे ही देखें, जैसे पहले देखते थे। मैंने सोचा कि हम पुरानी यादों को ताजा करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मेरे दोस्तों को मुझमें मुख्यमंत्री नजर आ रहा था। उस खाई को मैं पाट नहीं सका।"

टीचर का विशेष रिश्ता

पीएम मोदी ने एक टीचर का जिक्र करते हुए कहा, "रासबिहारी मणियाल सर मुझे चिट्ठियां लिखते थे और मुझे ‘तू’ कहकर संबोधित करते थे। यह मेरे लिए खास था, क्योंकि मेरे जीवन में ‘तू’ कहने वाला कोई नहीं बचा।"

बचपन के अनुभवों ने बनाया आत्मनिर्भर

पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने बचपन में कम उम्र में ही घर छोड़ दिया था, जिसके कारण उनका अपने दोस्तों और परिवार से संपर्क टूट गया। हालांकि, इसने उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने जीवन को नए सिरे से गढ़ने का अवसर दिया।