बजट से ज्यादा महाकुंभ जरूरी : अखिलेश यादव
- Post By Admin on Feb 01 2025

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने आज केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट अहम है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी महाकुंभ में हुईं घटनाएं हैं, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महाकुंभ में मरे लोगों के आंकड़े तक नहीं दे पा रही है और लोग अभी भी अपनों की तलाश में दर-बदर भटक रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि बजट को लेकर लोगों को मायूस नहीं होना चाहिए, लेकिन इससे कहीं अधिक महाकुंभ में मरे हुए और खोए हुए लोगों की तलाश जरूरी है।
अखिलेश यादव ने उठाए महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर सवाल
सपा अध्यक्ष ने महाकुंभ की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “कुंभ में न जाने कितनी बार मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने डुबकी लगाई और अब उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी वहां जा रहे हैं। लेकिन क्या सरकार ने कभी लाशों की गिनती की? कुंभ में लोगों की जान गईं, लेकिन सरकार उसकी जानकारी देने में नाकाम रही है। लोग अपनों को ढूंढने के लिए मोबाइल पर तस्वीरें लेकर खोया-पाया केंद्रों पर जा रहे हैं।”
कुंभ के प्रचार और खर्च पर भी उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने महाकुंभ के प्रचार और खर्च पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कुंभ के आयोजन पर सरकार ने लाखों रुपये खर्च किए, विज्ञापन चलाए और 40 करोड़ लोगों को बुलाने का लक्ष्य रखा। लेकिन क्या सरकार ने इसकी व्यवस्था सही तरीके से की? डिजिटल कुंभ की बात की गई, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, लेकिन नतीजा ये हुआ कि कई लोग अपनी जान गंवा बैठे और सरकार उनकी गिनती भी नहीं कर पा रही है।”
सपा प्रमुख की प्राथमिकता कुंभ में हुई मौतें
अखिलेश यादव ने इस बात को जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी की प्राथमिकता महाकुंभ में हुई मौतों और खोए हुए लोगों की तलाश है। “यह सरकार की नाकामी है कि शाही स्नान के दिन साधु संतों ने मना कर दिया। अगर सरकार सही इंतजाम करती तो यह हादसा नहीं होता। सरकार केवल लोगों को बुलाने में लगी रही, व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं किया। इसके बाद फूलों की वर्षा की गई ताकि यह छिपाया जा सके कि कितनी जानें चली गईं।”
बजट पर सपा अध्यक्ष का रुख
अखिलेश यादव ने कहा, “बजट से मायूस न हो, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि कुंभ में जो लोग मरे हैं, उनकी खोज के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। जब सरकार दुनिया से लाखों लोगों को कुंभ में बुला रही थी, तो उसे उनके सुरक्षित रहने के लिए कदम उठाने चाहिए थे।”