मॉनसून सत्र में लोकसभा ने पारित किया नया आयकर विधेयक, कराधान कानून में भी संशोधन
- Post By Admin on Aug 11 2025

नई दिल्ली : लोकसभा ने सोमवार को दो अहम वित्तीय विधेयकों—आयकर विधेयक, 2025 और कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025—को विपक्ष की नारेबाजी के बीच पारित कर दिया। ये विधेयक भारतीय कर व्यवस्था को अधिक सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2025 में संशोधनों का प्रस्ताव रखा। आयकर विधेयक, 2025 पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा और इसमें संसदीय चयन समिति की 285 से अधिक सिफारिशें शामिल की गई हैं।
इस नए विधेयक में कर भाषा को सरल बनाने, कटौतियों को स्पष्ट करने और प्रावधानों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया है। खास तौर पर मकान संपत्ति से जुड़ी आय में मानक कटौती और होम लोन के पूर्व निर्माण ब्याज जैसे विवादित पहलुओं को स्पष्ट किया गया है। विधेयक में 'पूंजीगत संपत्ति', 'लघु और छोटे उद्यम' तथा 'लाभार्थी स्वामी' जैसे महत्वपूर्ण शब्दों की स्पष्ट परिभाषाएं दी गई हैं। साथ ही, पेंशन योगदान और वैज्ञानिक अनुसंधान व्यय के कर उपचार को भी व्यवस्थित किया गया है। यह विधेयक 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।
कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के समान कर छूट दी गई है। साथ ही सऊदी अरब के पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड और उसकी सहायक कंपनियों को विशेष कर राहत प्रदान की गई है।
विधेयक में आयकर तलाशी अभियानों के दौरान चल रहे असेसमेंट और री-असेसमेंट प्रक्रियाओं को भी स्पष्ट और सुव्यवस्थित किया गया है ताकि जांच में पारदर्शिता और दक्षता बढ़े।
हालांकि, विपक्षी सदस्य मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रहे, जिससे सत्र में राजनीतिक गर्माहट बनी रही। इस बीच, सदन की कार्यवाही को मंगलवार तक स्थगित कर दिया गया।
इन विधेयकों के पारित होने से भारत के कर ढांचे में सुधार की सरकार की मंशा स्पष्ट होती है, जो वित्तीय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।