नागरिकों के हित के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को बनाना होगा सुलभ : चीफ जस्टिस

  • Post By Admin on Jul 01 2023
नागरिकों के हित के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को बनाना होगा सुलभ : चीफ जस्टिस

नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बीते दिन श्रीनगर शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में 19वें विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक को संबोधित किया. अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि न्यायाधीश सहित कानून बिरादरी के सभी लोगों की नागरिकों के लिए कानूनी प्रक्रिया को सुलभ बनाने में महती भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के लिए आर्थिक और सामाजिक बाधाओं के कारण प्राथमिकी दर्ज करना कठिन हो जाता है. नागरिकों को अक्सर न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विशेष पेशेवरों, वकीलों और विधिक कार्यकर्ताओं की सहायता की आवश्यकता होती है. ऐसे में अगर हम सभी मिल कर कानूनी प्रक्रिया को सरल करेंगे तो आम नागरिक को न्याय मिलने में आसानी होगी.

सीजेआई ने कहा, ‘न्यायपालिका एक खराब कम्युनिकेटर रही है क्योंकि हमें लगता है कि हमें मार्केटिंग की जरूरत नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय न्यायपालिका के पिछले कार्यालयों में किए गए कार्यों के बारे में बहुत कम जानकारी है, और यह महत्वपूर्ण है कि हम भारतीय न्यायपालिका के पिछले कार्यालयों में किए जाने वाले कार्यों को भी उजागर करें क्योंकि वह हमारी न्यायपालिका की रीढ़ है.‘

सीजेआई चंद्रचूड़ ने अदालतों के बैक-एंड पर किए जा रहे बड़े पैमाने पर काम के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, वेबसाइट, जो ई-कोर्ट सेवाओं का केंद्रीय कामकाज साइट है, ने 2020 में 2.54 बिलियन ट्रांज़ैक्शन, 2021 में 3.20 बिलियन ट्रांज़ैक्शन, 2022 में 3.26 बिलियन ट्रांज़ैक्शन और इस साल 27 जून तक 1.3 बिलियन से अधिक ट्रांज़ैक्शन दर्ज किए.

भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘मार्च 2013 में वेबसाइट के उद्घाटन के बाद से ई-कोर्ट सेवाएं 13.9 बिलियन ट्रांज़ैक्शन तक पहुंच गई हैं. अकेले इस वर्ष, हमारी ई-कोर्ट सेवाओं के हिस्से के रूप में नागरिकों को 3.60 लाख प्रति की दर से 63.8 मिलियन टेक्स्ट मैसेज भेजे गए थे. इस साल हमारे ऐप के 15 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड हुए हैं. हमारे पास ऑटोमैटिड ई-मेलिंग सेवाएं हैं और 27 जून तक पूरे भारत में वादियों को 61.3 मिलियन मेल भेजे गए हैं.’