खालिस्तानी अमृतपाल सिंह बनाएगा नई पार्टी, पंजाब में पंथिक राजनीति को लेकर हलचल तेज

  • Post By Admin on Jan 02 2025
खालिस्तानी अमृतपाल सिंह बनाएगा नई पार्टी, पंजाब में पंथिक राजनीति को लेकर हलचल तेज

चंडीगढ़ : पंजाब में पंथिक राजनीति को नया आयाम देने की तैयारी चल रही है। खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक अमृतपाल सिंह,  अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने की योजना बना रहे हैं। इस पार्टी का औपचारिक ऐलान 14 जनवरी को मुक्तसर साहिब के माघी मेले में किया जाएगा। बता दे कि अमृतपाल सिंह वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अमृतपाल सिंह को 2024 के आम चुनाव में खदूर साहिब लोकसभा सीट से जीत मिल गई थी। वह जेल में ही था, लेकिन उसके परिजनों ने प्रचार किया था और उसे बड़े अंतर से यहां जीत मिली थी।

माघी का मेला पंजाब में सिख समुदाय के लिए खास महत्व रखता है। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह और उनके समर्थकों ने इस मौके पर "पंथ बचाओ, पंजाब बचाओ" रैली आयोजित की है, जिसमें नई पार्टी के गठन की घोषणा की जाएगी।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अकाली दल के कमजोर पड़ने के बाद पंजाब में पंथिक राजनीति के लिए एक खाली स्थान बन गया है। अमृतपाल सिंह और उनके समर्थक इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी विचारधारा को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने पहले ही यह संकेत दिया था कि उनकी पार्टी का उद्देश्य पंथ और पंजाब की रक्षा के लिए काम करना होगा।

कट्टरपंथी विचारधारा की जड़ें मजबूत करने की कोशिश

अमृतपाल सिंह ने हमेशा खालिस्तान के निर्माण की वकालत की है और इसे लेकर मीडिया में खुलकर अपने विचार व्यक्त किए हैं। बता दे कि अमृतपाल सिंह के सहयोगी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या में शामिल रहे सतवंत सिंह के परिवार के सुखविंदर सिंह अगवान ने पार्टी गठन की पुष्टि की है।

केंद्र और एजेंसियों के लिए चिंता का विषय

अमृतपाल सिंह का चुनाव जीतना और अब नई पार्टी बनाने की योजना केंद्रीय एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बन गई है। उनकी कट्टरपंथी राजनीति का उभार पंजाब में नई राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियां खड़ी कर सकता है।

पार्टी का भविष्य और संभावनाएं

तरसेम सिंह ने अक्टूबर 2024 में ही पार्टी बनाने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि पार्टी में उन लोगों को शामिल किया जाएगा जो पंथ की रक्षा के लिए समर्पित हों। इस नई पार्टी के गठन से पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। खासकर जब राज्य पहले से ही धार्मिक और सामाजिक तनाव का सामना कर रहा है।