कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर बैन की मांग, सिखों को बदनाम करने का लगा आरोप 

  • Post By Admin on Jan 16 2025
कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर बैन की मांग, सिखों को बदनाम करने का लगा आरोप 

चंडीगढ़ : जनवरी 2025 को रिलीज होने वाली कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस संबंध में पंजाब सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि यह फिल्म सिखों को बदनाम करने के उद्देश्य से बनाई गई है और इसमें सिख समुदाय के खिलाफ एक राजनीतिक एजेंडा चलाने की कोशिश की गई है।

एसजीपीसी की आपत्ति

हरजिंदर सिंह धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखते हुए कहा कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों के खिलाफ गलत धारणा फैलाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म में 1984 के सिख नरसंहार और स्वर्ण मंदिर पर हुए हमले जैसे संवेदनशील मुद्दों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा, फिल्म में सिखों के राष्ट्रीय शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले की छवि को भी गलत तरीके से चित्रित किया गया है।

धामी ने कहा कि एसजीपीसी ने पहले ही 28 सितंबर 2024 को पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसके बावजूद अब तक कोई कार्यवाई नहीं की गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर फिल्म 17 जनवरी को रिलीज होती है तो इससे सिख समुदाय में गुस्सा और आक्रोश बढ़ेगा।

फिल्म पर लगाए गए आरोप

एसजीपीसी के अनुसार, फिल्म में सिखों के पवित्र तीर्थस्थलों, जैसे कि सचखंड श्री स्वर्ण मंदिर और श्री अकाल तख्त साहिब पर हुए हमलों को गलत तरीके से दिखाया गया है। धामी ने कहा कि फिल्म में सिख विरोधी एजेंडा चलाने और सिख समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की गई है।

पंजाब सरकार से की गई मांग

धामी ने राज्य सरकार से अपील की है कि फिल्म की रिलीज पर तुरंत रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया, तो एसजीपीसी राज्य स्तर पर कड़ा विरोध करेगी।

फिल्म के निर्माता और विवाद की पृष्ठभूमि

इमरजेंसी फिल्म की मुख्य अभिनेत्री और निर्माता कंगना रनौत हैं। साथ ही, वह हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद भी हैं। यह फिल्म भारत के आपातकालीन काल (1975-77) पर आधारित है। हालांकि, एसजीपीसी का कहना है कि फिल्म में सिखों को गलत तरीके से दिखाया गया है, जिससे उनकी धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।

सिख समुदाय में बढ़ता आक्रोश

धामी ने कहा कि अगर फिल्म को पंजाब में रिलीज किया गया तो यह सिख समुदाय के बीच नाराजगी पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी किसी भी कीमत पर इस फिल्म को पंजाब में रिलीज नहीं होने देगी।

सरकार की चुप्पी पर सवाल

एसजीपीसी ने पंजाब सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। धामी ने कहा कि राज्य सरकार को पहले ही इस मामले में अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्यवाई नहीं हुई है। उन्होंने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।