100वां मिशन लॉन्च कर ISRO ने रचा इतिहास

  • Post By Admin on Jan 29 2025
100वां मिशन लॉन्च कर ISRO ने रचा इतिहास

श्रीहरिकोटा : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज इतिहास रचते हुए अपना 100वां मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस ऐतिहासिक मिशन में, ISRO ने GSLV-F15/NVS-02 रॉकेट को श्रीहरिकोटा स्थित अपने अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष में भेजा। इस सफलता के साथ भारत ने अंतरिक्ष नेविगेशन के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई हासिल की है और यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की बढ़ती ताकत का प्रतीक बन गया है।

ISRO का 100वां मिशन, एक ऐतिहासिक उपलब्धि

श्रीहरिकोटा से प्रक्षिप्त किया गया GSLV-F15/NVS-02 रॉकेट एक महत्वपूर्ण सैटेलाइट है। जिसका उद्देश्य भारत के GPS जैसे नेविगेशन सिस्टम को और मजबूत बनाना है। ISRO ने X (Twitter) पर जानकारी देते हुए कहा कि मिशन पूरी तरह सफल रहा है और NVS-02 सैटेलाइट को सही ऑर्बिट में भेजा गया है।

इस ऐतिहासिक क्षण पर केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ISRO की टीम को बधाई दी। उन्होंने लिखा, “श्रीहरिकोटा से 100वें लॉन्च की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए ISRO को बधाई। इस रिकॉर्ड उपलब्धि के इस महत्वपूर्ण क्षण में अंतरिक्ष विभाग का हिस्सा बनना सौभाग्य की बात है।”

मिशन से क्या होगा फायदा ?

GSLV-F15/NVS-02 सैटेलाइट भारतीय नेविगेशन प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह सैटेलाइट जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित किया जाएगा और भारत में GPS जैसी नेविगेशन सुविधाओं को और बेहतर बनाएगा। विशेष रूप से, यह सैटेलाइट कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल तक के क्षेत्र में सटीक नेविगेशन प्रदान करेगा, जिससे सड़क, हवाई और समुद्री यात्रा में सुरक्षा और सुविधा बढ़ेगी।

यह मिशन भारत की अंतरिक्ष तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करता है और देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी, ट्रांसपोर्टेशन, और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं में सुधार लाएगा।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर वैज्ञानिकों का उत्साह

इस अवसर पर जितेंद्र सिंह ने ISRO के संस्थापक विक्रम साराभाई और सतीश धवन को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “इन महान वैज्ञानिकों ने जो शुरुआत की थी, उसी की बदौलत आज हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह एक लंबी छलांग है और भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को ‘अनलॉक’ किया है। अब यह विश्वास जागृत हुआ है कि आकाश की कोई सीमा नहीं है।”

इस मिशन की सफलता ने भारत को एक और कदम अंतरिक्ष की ओर बढ़ाते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया है। ISRO की यह उपलब्धि न केवल देशवासियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह विश्व में भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में उभरती ताकत को भी प्रदर्शित करती है।

आने वाले समय में और मिशन

इसरो ने 100वें मिशन के सफलता के बाद आने वाले समय में और भी बड़े और महत्वाकांक्षी मिशनों की योजना बनाई है, जो भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में और आगे बढ़ने में मदद करेंगे। GSLV-F15/NVS-02 मिशन के बाद, ISRO के अन्य प्रमुख मिशन भी तैयार हैं, जो भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में और नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। भारत की अंतरिक्ष यात्रा का यह मुकाम केवल एक शुरुआत है और ISRO की टीम को भविष्य में और बड़ी सफलताएं मिलेंगी।