निर्वाचन आयोग ने बढ़ाया मानदेय – मतदान अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और चुनाव ड्यूटी कर्मियों को मिलेगा लाभ

  • Post By Admin on Aug 08 2025
निर्वाचन आयोग ने बढ़ाया मानदेय – मतदान अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और चुनाव ड्यूटी कर्मियों को मिलेगा लाभ

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने मतदान और मतगणना से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के मानदेय में बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस निर्णय का लाभ पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी, मतगणना कर्मी, माइक्रो ऑब्जर्वर, पुलिस-होमगार्ड से लेकर चुनावी प्रक्रिया में लगे अन्य कर्मियों को मिलेगा।

आयोग ने बताया कि 2014 से 2016 के बीच आखिरी बार मानदेय में वृद्धि हुई थी, जिसे अब अद्यतन कर नई दरें लागू की गई हैं। यह कदम उन कर्मियों की कड़ी मेहनत और लंबे समय तक चलने वाली चुनावी जिम्मेदारियों को सम्मानजनक तरीके से पुरस्कृत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नई दरों के मुताबिक —

  • पीठासीन अधिकारी/मतगणना पर्यवेक्षक: 500 रुपए प्रतिदिन या 2,000 रुपए एकमुश्त (पहले 350 रुपए)।

  • मतदान अधिकारी: 400 रुपए प्रतिदिन या 1,600 रुपए एकमुश्त (पहले 250 रुपए)।

  • मतगणना सहायक: 450 रुपए प्रतिदिन या 1,350 रुपए एकमुश्त (पहले 250 रुपए)।

  • क्लास-4 कर्मचारी: 350 रुपए प्रतिदिन या 1,400 रुपए एकमुश्त (पहले 200 रुपये)।

  • कॉल सेंटर/कंट्रोल रूम के क्लास-4 कर्मचारी: 1,000 रुपए एकमुश्त (पहले 200 रुपए प्रतिदिन)।

  • वीडियो निगरानी, मीडिया मॉनिटरिंग, फ्लाइंग स्क्वाड: क्लास I/II – 3,000 रुपए एकमुश्त (पहले 1,200 रुपए), क्लास III – 2,000 रुपए (पहले 1,000 रुपए)।

  • माइक्रो ऑब्जर्वर: 2,000 रुपए एकमुश्त (पहले 1,000 रुपए)।

  • पुलिस/होमगार्ड/एनसीसी कैडेट: भोजन/रिफ्रेशमेंट के लिए 500 रुपए प्रतिदिन (पहले 150 रुपए)।

  • डिप्टी जिला निर्वाचन अधिकारी: कम से कम एक महीने के बेसिक वेतन के बराबर भुगतान (पहले कोई भुगतान नहीं)।

  • सीएपीएफ के गजेटेड अधिकारी: 15 दिन तक 4,000 रुपए, 15 दिन से अधिक पर प्रति सप्ताह 2,000 रुपए (पहले 2,500 और 1,250 रुपए)।

  • अधीनस्थ अधिकारी: 15 दिन तक 3,000 रुपए, 15 दिन से अधिक पर प्रति सप्ताह 1,500 रुपए (पहले 2,000 और 1,000 रुपए)।

  • अन्य रैंक: 15 दिन तक 2,500 रुपए, 15 दिन से अधिक पर प्रति सप्ताह 1,250 रुपए।

  • सहायक व्यय पर्यवेक्षक/सेक्टर अधिकारी: 10,000 रुपए पूर्णकालिक चुनाव ड्यूटी के लिए (पहले 7,500 रुपए)।

चुनाव आयोग ने कहा कि यह फैसला चुनावी प्रक्रिया में लगे सभी कर्मियों के मनोबल को बढ़ाएगा और उन्हें अपने कर्तव्यों के निर्वहन में और अधिक प्रेरित करेगा।