संविधान और लोकतंत्र ही हमारी सबसे बड़ी ताकत : राष्ट्रपति मुर्मू

  • Post By Admin on Aug 14 2025
संविधान और लोकतंत्र ही हमारी सबसे बड़ी ताकत : राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे लिए संविधान और लोकतंत्र सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें भारतीय होने के गौरव और स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों की याद दिलाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि "15 अगस्त की तारीख हमारी सामूहिक स्मृति में अमिट रूप से दर्ज है। औपनिवेशिक शासन के लंबे दौर में अनगिनत पीढ़ियों ने यह सपना देखा था कि एक दिन भारत आजाद होगा। उस सपने को साकार करने के लिए देश के कोने-कोने में लोग विदेशी शासन की बेड़ियों को तोड़ने के लिए आतुर थे।" उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद वही आशा और ऊर्जा हमारी प्रगति की प्रेरणा बनी रही।

उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग को नमन करते हुए कहा कि कल जब पूरा देश तिरंगे को सलामी देगा, तब हम उन सभी वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिनके बलिदान से आज हम आजाद हवा में सांस ले रहे हैं।

भारत की लोकतांत्रिक परंपरा पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि "भारतभूमि विश्व के प्राचीनतम गणराज्यों की धरती रही है। इसे लोकतंत्र की जननी कहना पूरी तरह उचित है।" उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की मजबूत नींव पर ही लोकतांत्रिक संस्थाओं का निर्माण हुआ, जिसने शासन प्रणाली को मजबूती दी और जनता को भागीदारी का अवसर प्रदान किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दिन हमें 1947 में हुए दर्दनाक हादसों की याद दिलाता है, जब लाखों लोग विस्थापित हुए और भयानक हिंसा का शिकार बने। उन्होंने कहा कि आज हम उन सभी पीड़ितों और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो इतिहास की उस त्रासदी के गवाह बने।

उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वे संविधान में निहित मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा के लिए संकल्पित रहें और देश के विकास में सक्रिय योगदान दें।