स्वतंत्रता और समता के साथ देश में बंधुभाव जगाना आवश्यक : डॉ. मोहन भागवत

  • Post By Admin on Jan 26 2023
स्वतंत्रता और समता के साथ देश में बंधुभाव जगाना आवश्यक : डॉ. मोहन भागवत

जयपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है स्वतंत्रता और समता के साथ साथ सारे देश मे बंधुभाव को जगाना आवश्यक है। उन्होंने कहा समाज में जब तक आपसी भाईचारा (बंधुभाव) न होगा तब तक गणतंत्र यशस्वी नही हो सकता।

जयपुर के जामडोली स्थित केशव विद्यापीठ समिति के तत्वावधान में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में झंडा फहराने के बाद डॉ. भागवत ने कहा हमारा राष्ट्रध्वज सार्वभौमिक प्रभुसत्ता का प्रतीक है। तिरंगे के तीनों रंग में अपना गंतव्य निहित है। यह रंग अपने विशेष गुणों से हमें संदेश और प्रेरणा प्रदान करते है। केसरिया रंग ज्ञान, त्याग और कर्मशीलता का प्रतीक है। भारत को ज्ञानशील और त्यागी लोगों का देश बनाना है। हमें केवल भारत ही नहीं बल्कि अपने ज्ञान, त्याग और कर्मशीलता से दुनिया का भी हित भी करना है। सरसंघचालक ने कहा सफेद रंग हमें अंतर्बाह्य शुचिता सिखलाता है। यह रंग पवित्रता और अपनेपन का प्रतीक है। हरा रंग समृद्धि और लक्ष्मी का प्रतीक है। यह हमारे पर्यावरण का भी प्रतीक है। हमें पर्यावरण से एकाकार होकर तरक्की का संदेश देना है। ऐसा होने पर मन में अमीरी आती है।

उन्होंने इस अवसर पर डॉ. बाबासाहब अंबेडकर के संविधान सभा में दिए गए भाषणों का भी जिक्र किया। डॉ. भागवत ने कहा अंबेडकर कहते थे कि हमारा देश किसी दुश्मन कि वजह से नहीं बल्कि आपसी लड़ाई के चलते गुलाम बना था। सामाजिक विषमता की गुलामी को हटाने के लिए राजनीतिक और आर्थिक समानता का प्रावधान संविधान में किया गया है।

सरसंघचालक ने कहा, हमें समानता और स्वतंत्रता का व्यवहार करना है। दूसरों को गुलाम बना कर अपनी स्वतंत्रता का लाभ लेना स्वतंत्रता नहीं हो सकती। दुनिया का अनुभव ऐसा है कि जहां स्वतंत्रता लानी होती है वहा समानता का संकोच करना पड़ता है। जहां समानता लानी है वहां स्वतंत्रता दिखाई नही देती। इसलिए यदि स्वतंत्रता और समानता लानी है तो बंधुभाव होना बेहद जरूरी है। इसी का विचार करते हुए डॉ. अंबेडकर ने संविधान मे लिबर्टी (स्वतंत्रता) और इक्वॅलिटी (समानता) के साथ बंधुभाव (फेटरलिटी) शब्द का समावेश किया। उस बंधुभाव को पूरे देश में फैलाना होगा। हमारा विविधतायुक्त समाज बंधुभाव से जुड़ेगा तभी स्वतंत्रता और समानता की गारंटी होगी। यह गारंटी और कोई नहीं दे सकता। हमें इसकी खुद शुरूआत करनी होगी। सरसंघचालक ने आह्वान किया है कि अगले गणतंत्र दिवस तक हमें खुद के अंदर बंधुभाव जगाना होगा तथा समानता और स्वतंत्रता को सुनिश्चित कर देश को आगे बढ़ाना होगा।