असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा : पाकिस्तान की पुरानी रणनीति में नया मोड़ या चेतावनी
- Post By Admin on Aug 12 2025
 
                    
                    नई दिल्ली : पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की वाशिंगटन में दूसरी यात्रा को लेकर एक नई रिपोर्ट ने गंभीर चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की बजाय पाकिस्तान के लिए वित्तीय सहायता और राजनयिक संरक्षण के नए माध्यम तलाशने की रणनीति है, जिसका उद्देश्य “सैन्य-औद्योगिक आतंकवाद परिसर” को बढ़ावा देना है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दशकों से पाकिस्तान अमेरिकी मदद का दुरुपयोग कर आतंकवाद को संरक्षण दे रहा है। 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई के दौरान अमेरिका के अरबों डॉलर पाकिस्तान को मिले, लेकिन यहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उन्हीं जिहादियों को पनाह दी, जो बाद में तालिबान और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों का रूप ले गए।
इसके बाद के वर्षों में भी पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी गठजोड़ का ढोंग रचा और तालिबान जैसे समूहों को अपनी धरती से प्रशिक्षण और संरक्षण प्रदान किया। रिपोर्ट में अमेरिका के जवानों की शहादत को “रणनीतिक विश्वासघात” बताया गया है।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को भी पाकिस्तान की जमीन से चलने वाला खतरा बताया गया है, जो खासकर भारत और अफगानिस्तान को निशाना बनाते हैं। रिपोर्ट ने अमेरिका की सेंट्रल कमांड में पाकिस्तान की बढ़ती भागीदारी को भी क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा करार दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान में सुधार का भ्रम रखता है, तो वह जमीनी हकीकत से अनजान है। यह यात्रा दोस्ती का संकेत नहीं बल्कि एक चेतावनी है कि इतिहास दोहराए जाने वाला है और पाकिस्तान फिर से विश्वसनीय साझेदार बनने में विफल रहेगा।
इस रिपोर्ट के प्रकाश में असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा को एक सतर्क रहने की नसीहत माना जा रहा है।
 
                             
    .jpg) 
     
    