जियो में निवेश जीवन का सबसे बड़ा रिस्क, लेकिन आज वह भारत की तकनीकी रीढ़ बन चुका है : मुकेश अंबानी

  • Post By Admin on Jun 25 2025
जियो में निवेश जीवन का सबसे बड़ा रिस्क, लेकिन आज वह भारत की तकनीकी रीढ़ बन चुका है : मुकेश अंबानी

मुंबई : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने खुलासा किया है कि टेलीकॉम क्षेत्र में जियो का निर्माण उनके जीवन का सबसे बड़ा जोखिम भरा फैसला था। मैकिन्ज़ी एंड कंपनी को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि जियो में बड़े पैमाने पर निजी निवेश करना एक ऐसा कदम था, जिस पर शुरुआत में कई विशेषज्ञों ने संदेह जताया था।

अंबानी ने कहा, "उस समय हमें बार-बार बताया गया कि भारत इतनी उन्नत डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन मेरा मानना था कि अगर यह जोखिम भी असफल हो जाए, तब भी यह भारत को डिजिटल युग में आगे ले जाने वाला निर्णायक कदम साबित होगा।"

मुकेश अंबानी ने विशेष रूप से जियो की 5जी तकनीक पर बात करते हुए कहा कि कंपनी की यह तकनीक पूरी तरह से देश में ही विकसित की गई है। उन्होंने बताया कि कोर नेटवर्क से लेकर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तक, हर पहलू को रिलायंस की टीम ने स्वयं तैयार किया है। उन्होंने कहा, "हमने केवल 20% हिस्से में एरिक्सन और नोकिया जैसे वैश्विक खिलाड़ियों को जोड़ा, ताकि खुद की तकनीक को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर परख सकें। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हम उनसे बेहतर हैं।"

भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस अब एक डीप-टेक और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बनने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि हमें केवल टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि उसका मालिक और इनोवेटर बनना है। जियो इसका पहला बड़ा उदाहरण है, लेकिन हम इससे आगे भी बढ़ रहे हैं।"

साक्षात्कार के दौरान उन्होंने अपने पिता धीरूभाई अंबानी को भी याद किया और कहा, "मेरे पिता हमेशा कहते थे कि रिलायंस एक संस्था है, एक प्रक्रिया है जो हमारे बाद भी चलनी चाहिए। मेरा सपना है कि 2027 में जब रिलायंस अपनी गोल्डन जुबली मनाए, तब वह अगले 100 वर्षों तक भारत और मानवता की सेवा करता रहे।"

मुकेश अंबानी के इस विस्तृत साक्षात्कार से स्पष्ट है कि वे रिलायंस को केवल एक व्यापारिक इकाई नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय तकनीकी आंदोलन के रूप में देख रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में भारत की वैश्विक पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।