चीन पर टैक्स रोकने का ट्रंप का फैसला, जिनपिंग की कॉल या रणनीतिक चाल
- Post By Admin on Jan 21 2025

डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण से पहले चीन पर टैक्स का चाबुक चलाने की बात कर रहे थे। अचानक अपने फैसले से पीछे हट गए हैं। यह बदलाव तब आया जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ट्रंप को फोन कर उनसे बातचीत की। हालांकि, ट्रंप के इस कदम को केवल जिनपिंग की कॉल का असर मानना जल्दबाजी होगी। इसे उनकी कूटनीतिक चाल के रूप में भी देखा जा सकता है।
जिनपिंग की कॉल का असर या कूटनीति?
राष्ट्रपति बनने से पहले ट्रंप ने चीन से आयात पर भारी टैक्स लगाने की बात कही थी। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान चीन से आयात पर 10 से 20 फीसदी और चीनी उत्पादों पर 60 फीसदी तक टैक्स लगाने का वादा किया था। लेकिन, शपथ ग्रहण के बाद जारी उनके एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स में ऐसा कोई फैसला नजर नहीं आया।
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फोन कॉल के बाद अपने फैसले को फिलहाल टाल दिया। जिनपिंग ने ट्रंप से फोन पर बात करते हुए अपने उपराष्ट्रपति को उनके शपथ ग्रहण समारोह में भेजने की बात कही थी। माना जा रहा है कि इस बातचीत ने ट्रंप को कुछ समय के लिए अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट: सोच-समझकर लिया गया फैसला
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप चीन के साथ लड़ाई के बजाय बातचीत के जरिए आगे बढ़ना चाहते हैं। वह चीन से आयात पर टैक्स लगाने के बजाय नई डील करने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्रंप अक्सर अपनी रणनीति बदलते हैं और फिर अचानक अपने पुराने प्लान पर लौट आते हैं।
चीन को तात्कालिक राहत, लेकिन डर बरकरार
ट्रंप के इस फैसले ने चीनी कंपनियों को फिलहाल राहत दी है। चीन की कंपनियां राष्ट्रपति ट्रंप के पहले दिन ही भारी टैक्स लगाए जाने की आशंका से डरी हुई थीं। हालांकि, ट्रंप ने संघीय एजेंसियों को वैश्विक स्तर पर अनुचित व्यापार प्रथाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने प्रशासन से 2017-2021 के बीच चीन के साथ हुई "फेज वन ट्रेड डील" के प्रदर्शन का आकलन करने को भी कहा है।
ट्रंप की रणनीति: कूटनीति या चालाकी?
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम एक सोची-समझी रणनीति है। वह चीन पर टैक्स लगाने के बजाय उसे बातचीत की मेज पर लाना चाहते हैं। आने वाले हफ्तों में यह साफ हो सकता है कि ट्रंप प्रशासन चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को किस दिशा में ले जाता है।
चीन और अमेरिका के रिश्तों का भविष्य
ट्रंप का यह फैसला चीन-अमेरिका संबंधों को नया मोड़ दे सकता है। जहां एक तरफ चीन को फिलहाल राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ ट्रंप की अप्रत्याशित रणनीति भविष्य में बड़ा बदलाव ला सकती है।