दुनिया में मंडराए विश्व युद्ध के खतरे के बीच सुरक्षा प्रणाली की तैयारियां

  • Post By Admin on Dec 21 2024
दुनिया में मंडराए विश्व युद्ध के खतरे के बीच सुरक्षा प्रणाली की तैयारियां

वर्तमान में दुनिया में बढ़ते युद्ध और सैन्य तनाव ने देशों को अपनी सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने पर मजबूर कर दिया है। रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़रायल और हमास के बीच संघर्ष, चीन और ताइवान के बीच बढ़ता तनाव और हाल ही में उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया के बीच संघर्ष ने वैश्विक सुरक्षा को गंभीर चुनौती दी है। इस संदर्भ में भारत भी अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से तैयार है और अपनी रक्षा प्रणालियों को लगातार सशक्त बना रहा है।

भारत की सैन्य तैयारी - मिसाइल, विमानों और सुरक्षा तंत्र में निरंतर विकास

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि भारत अब न केवल एक मजबूत मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित कर चुका है बल्कि उसने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली भी हासिल की है और इज़रायल की आयरन डोम जैसी अपनी अपनी एयर डिफेंस प्रणाली तैयार की है।

रूस से बमवर्षक विमानों की खरीद

भारत ने रूस से दो शक्तिशाली बमवर्षक विमान Tu-22M3 और Tu-160 ‘वॉइट स्वान’ की खरीद की योजना बनाई है। इन विमानों की सीमा 12,000 किलोमीटर तक जाती है। जिससे भारत को दुश्मन पर लंबी दूरी से हमला करने की क्षमता मिलेगी। ये विमान एक साथ 12 लंबी दूरी की मिसाइलें या छोटी दूरी की न्यूक्लियर मिसाइलें भी ले जा सकते हैं। इस तरह के विमान भारतीय वायुसेना के लिए एक नई ताकत साबित होंगे और ये 2027 तक भारत को मिल सकते हैं।

भारत की मिसाइल ताकत

भारत ने स्वदेशी मिसाइलों के विकास में भी बड़ी सफलता हासिल की है। भारत की मिसाइलें जैसे अग्नि और पृथ्वी श्रृंखला। साथ ही ब्रह्मोस जैसी क्रूज़ मिसाइलें देश को सामरिक रूप से मजबूत बनाती हैं। 

विशेष रूप से अग्नि मिसाइल। यह मिसाइल 700 किलोमीटर से लेकर 8,000 किलोमीटर तक की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। इसके विभिन्न संस्करण भारतीय सेनाओं में तैनात हैं।

ब्रह्मोस मिसाइल - यह सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है जो एक साथ भूमि, समुद्र और हवाई लॉन्च से दागी जा सकती है। इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर तक है। नाग मिसाइल - यह एंटी-टैंक मिसाइल भारत द्वारा विकसित की गई है और टैंक पर हमले के लिए अत्यधिक प्रभावी है।

भारत का एंटी-मिसाइल सुरक्षा तंत्र

मिसाइल हमलों को रोकने के लिए भारत ने अपनी सुरक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत ने रूस से एस-400 ट्रिम्फ़ मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदी है जो हवा से जमीन तक आने वाली मिसाइलों और अन्य दुश्मन विमानों को नष्ट करने में सक्षम है। इसके अलावा भारत के पास अपना एक एयर डिफेंस सिस्टम भी है जो 25 किलोमीटर की रेंज तक किसी भी दुश्मन के विमान, मिसाइल, ड्रोन या हेलीकॉप्टर को नष्ट कर सकता है। इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसकी रेंज को बढ़ाया जाएगा।

भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति और रणनीतिक तैयारी

वर्तमान में भारत की सैन्य तैयारियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यदि दुनिया में युद्ध की स्थिति बनती है तो भारत ने अपनी सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके साथ ही भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कई अहम पहल की हैं। देश के विभिन्न रक्षा कार्यक्रमों में स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है और अन्य देशों से भी महत्वपूर्ण रक्षा सामग्रियों का आयात किया जा रहा है। जैसे रूस से एस-400, बमवर्षक विमानों की खरीद और मिसाइल रक्षा प्रणालियों की मजबूती। भारत की इन तैयारियों को देख कर यह कहा जा सकता है कि दुनिया की किसी भी स्थिति में भारत अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार के खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।