पाकिस्तान को यूएन सुरक्षा परिषद में मिली अहम ज़िम्मेदारी

  • Post By Admin on Jan 03 2025
पाकिस्तान को यूएन सुरक्षा परिषद में मिली अहम ज़िम्मेदारी

पाकिस्तान ने 2025 के पहले दिन से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपना कार्य शुरू कर दिया है। यह पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह देश आठवीं बार इस भूमिका में है। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने अपनी शुरुआत के साथ यह स्पष्ट किया कि उनका देश सुरक्षा परिषद में ‘सक्रिय और सकारात्मक’ भूमिका निभाएगा और उनकी उपस्थिति से सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली में बदलाव आएगा।

सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान की भूमिका

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास 15 सदस्य होते हैं। जिनमें पांच स्थायी सदस्य (यूएस, रूस, चीन, फ्रांस, और यूके) होते हैं और बाकी दस सदस्य अस्थायी होते हैं। जिन्हें दो साल के लिए चुना जाता है। पाकिस्तान 2025 से 2027 तक इस अस्थायी सदस्य की भूमिका निभाएगा। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा, “पाकिस्तान की उपस्थिति सुरक्षा परिषद में महसूस की जाएगी और हम एक सक्रिय सदस्य के रूप में काम करेंगे।”

भारत का अस्थायी सदस्य का कार्यकाल

भारत भी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर कार्य कर चुका है। भारत ने 2021 और 2022 में यह जिम्मेदारी निभाई थी और यह एक अहम मोड़ था। जहां भारत ने वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर अपनी भूमिका को मजबूती से प्रस्तुत किया था। पाकिस्तान की उपस्थिति के बाद, दोनों देशों के बीच की प्रतिस्पर्धा और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर उनके दृष्टिकोण में भी महत्वपूर्ण अंतर हो सकता है।

पाकिस्तान की भूमिका पर विचार

पाकिस्तान के लिए यह मौका वैश्विक मंच पर अपनी कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करने का है। जबकि इसके लिए जिम्मेदारियां और चुनौतियाँ भी होंगी। पाकिस्तान के लिए यह अवसर महत्वपूर्ण है। खासकर जब वैश्विक सुरक्षा चिंताओं के बीच एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा मुद्दे बढ़ रहे हैं। जैसे कि आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन से संबंधित संकट और कश्मीर जैसे विवादित मुद्दे।

पाकिस्तान ने हमेशा कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रमुखता से उठाया है और इसकी सुरक्षा परिषद में मौजूदगी इस मुद्दे को फिर से वैश्विक ध्यान में ला सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान का सहयोग और प्रभाव विभिन्न अन्य अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संकटों में भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और प्रभाव

पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में कार्यभार संभालने से कुछ देशों की प्रतिक्रिया मिश्रित हो सकती है। कुछ देशों के लिए यह एक नया कूटनीतिक कदम हो सकता है। जबकि अन्य इसे क्षेत्रीय तनावों के संदर्भ में देख सकते हैं। पाकिस्तान का ध्यान आतंकवाद, सुरक्षा मुद्दों और अपनी बाहरी नीति पर रहेगा, लेकिन इसका प्रभाव और परिणाम वैश्विक स्तर पर किस तरह से होंगे, यह देखना बाकी रहेगा।