यूरोप की ऊर्जा निर्भरता पर छाया संकट, यूक्रेन ने रूसी गैस ट्रांजिट पर लगाई रोक
- Post By Admin on Jan 02 2025
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष ने यूरोप को एक और बड़ा झटका दिया है। जब यूक्रेन ने एक दशक पुरानी गैस ट्रांजिट व्यवस्था को नवीनीकरण से इंकार कर दिया। इस फैसले के बाद से रूसी गैस की यूरोप तक सप्लाई रुक गई है, जो यूरोपीय देशों के लिए एक गंभीर संकट का कारण बन गया है। यह कदम यूक्रेन द्वारा रूस के खिलाफ ऊर्जा संघर्ष (गैस वॉर) का हिस्सा माना जा रहा है, जो रूस के आर्थिक दबदबे को कमजोर करने के लिए उठाया गया है।
गैस ट्रांजिट पर यूक्रेन का ऐतिहासिक कदम
यूक्रेन और रूस के बीच 1991 में एक समझौता हुआ था। जिसके तहत यूक्रेन से होकर रूस की गैस यूरोपीय देशों तक पहुँचती थी। यह व्यवस्था 33 वर्षों से चल रही थी और यूरोप में रूस के सस्ते गैस का प्रमुख स्रोत बन चुकी थी। हालांकि, अब यूक्रेन ने इस ट्रांजिट समझौते को नवीनीकरण से मना कर दिया। जिसके बाद रूसी गैस की आपूर्ति बुधवार सुबह से यूरोप में पूरी तरह से बंद हो गई।
यूक्रेनी राष्ट्रपति का बयान : रूस को बड़ी हार
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस कदम को रूस के लिए एक बड़ी हार करार दिया है। जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम पर लिखा, “यूरोप के पार्टनर्स जितनी अधिक मात्रा में ऊर्जा देंगे, उतनी ही तेजी से हम रूस की ऊर्जा निर्भरता को समाप्त करेंगे। यह यूरोप के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है।” उन्होंने अमेरिका से यूरोप को गैस की अधिक आपूर्ति करने का आग्रह भी किया।
मोल्दोवा और अन्य यूरोपीय देशों पर असर
इस गैस आपूर्ति के रुकने से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश मोल्दोवा है। मोल्दोवा यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है और यह रूस समर्थक क्षेत्र ट्रांसनिस्ट्रिया को भी बिजली सप्लाई करता था। गैस आपूर्ति रुकने के बाद, मोल्दोवा ने घर में हीटर और गर्म पानी की सप्लाई रोक दी और स्थानीय ऊर्जा कंपनियों ने लोगों से आग्रह किया कि वे ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और इलेक्ट्रिक हीटर का इस्तेमाल करें।
इसके अलावा स्लोवाकिया, ऑस्ट्रिया और हंगरी जैसे देशों पर भी असर पड़ा है। हालांकि हंगरी को अभी भी काला सागर में स्थित TurkStream गैस पाइपलाइन से गैस मिलती रहेगी। ऑस्ट्रिया ने कहा कि उसके पास पहले से ही गैस के वैकल्पिक स्रोत मौजूद हैं और उसे इस संकट का ज्यादा असर नहीं होगा। वहीं, स्लोवाकिया ने इस ट्रांजिट समझौते के टूटने पर नाराजगी व्यक्त की है क्योंकि यह देश यूरोपीय गैस आपूर्ति के लिए एक महत्वपूर्ण हब था।
यूरोपीय आयोग की प्रतिक्रिया
यूरोपीय आयोग ने इस स्थिति को लेकर कहा कि EU ने पहले से ही एलएनजी (Liquefied Natural Gas) की खरीद क्षमता बढ़ाकर इस संकट का सामना करने के लिए तैयारी कर ली थी। आयोग ने कहा कि यूरोपीय गैस इंफ्रास्ट्रक्चर अब रूसी गैस के बिना भी काम कर सकता है और यह गैस वॉर यूरोप के लिए एक चुनौती का हिस्सा है। जिसे अब अन्य ऊर्जा स्रोतों के जरिए पूरा किया जाएगा।
रूस को होने वाला नुकसान
यूक्रेन द्वारा गैस ट्रांजिट को रोकने से रूस को 5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है, क्योंकि यूरोप में गैस सप्लाई से गजप्रोम को सालाना यह राजस्व मिलता था। वहीं, यूक्रेन को ट्रांजिट शुल्क के रूप में लगभग 1 अरब डॉलर की आय होती थी, जो अब बंद हो गई है। इसके कारण, यूक्रेन ने गैस ट्रांसमिशन टैरिफ को चार गुना बढ़ा दिया है। जिससे इसके ट्रांजिट उद्योग को हर साल 3.82 करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है।
यूक्रेन के इस फैसले ने रूस को ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा झटका दिया है। वहीं यूरोप में गैस की कमी और बढ़ती ऊर्जा कीमतों के बीच संकट का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यूरोपीय संघ ने गैस आपूर्ति के वैकल्पिक रास्तों की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं, लेकिन यह देखना होगा कि भविष्य में यह गैस वॉर रूस और यूरोप के बीच किस रूप में और किस सीमा तक बढ़ता है।