बांग्लादेश ने भारतीय सीमा के पास तैनात किया तुर्की का किलर ड्रोन बायरकतार TB2, बढ़ सकता है सीमा पर तनाव
- Post By Admin on Dec 05 2024

ढाका : बांग्लादेश की सेना ने भारतीय सीमा से सटे क्षेत्रों में तुर्की के अत्याधुनिक बायरकतार टीबी-2 ड्रोन को तैनात किया है। जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। यह ड्रोन बांग्लादेश के द्वारा भारत के पश्चिम बंगाल से सटी सीमा पर निगरानी और जासूसी के लिए उपयोग किया जा रहा है। शेख हसीना सरकार ने यह ड्रोन तुर्की से खरीदी थी और अब इसका इस्तेमाल सीमा पर तैनात किया गया है। जिससे भारत के साथ सीमा पर तनाव और जटिल हो सकता है।
बांग्लादेश ने तुर्की से 12 बायरकतार टीबी-2 ड्रोन खरीदे थे। जिनमें से 6 ड्रोन पहले ही बांग्लादेश को मिल चुके हैं। इन ड्रोन को बांग्लादेश की वायुसेना सीमा पर निगरानी और जासूसी के लिए इस्तेमाल कर रही है। यह ड्रोन बेहद शक्तिशाली हैं और इनकी क्षमता केवल जासूसी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमला करने में भी सक्षम हैं। भारतीय सीमा के पास इन ड्रोन का तैनाती इस बात का संकेत है कि बांग्लादेश अब अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
बायरकतार टीबी-2 ड्रोन एक उन्नत टैक्टिकल ड्रोन है। जो 25,000 फुट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और जमीनी लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है। इसके लेजर गाइडेड बम और मिसाइलें टैंक, तोपों और अन्य सैन्य उपकरणों को नष्ट करने में सक्षम हैं। इन ड्रोन की एक और प्रमुख विशेषता यह है कि ये युद्ध क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाते हुए, दुश्मन की सेना के उपकरणों और बंकरों को तबाह कर सकते हैं। यूक्रेन युद्ध में इन ड्रोन का प्रभावी इस्तेमाल देखा गया था। जहां इसने रूस के खिलाफ महत्वपूर्ण हमलों में भाग लिया था।
भारत के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच बांग्लादेश की ओर से इस ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय सुरक्षा को चुनौती दे सकता है। भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक बांग्लादेश द्वारा तुर्की से खरीदी गई इस तकनीक का इस्तेमाल भारतीय सीमा की निगरानी और जासूसी के लिए किया जा सकता है। जिससे सुरक्षा की स्थिति और जटिल हो सकती है। इससे पहले एक बांग्लादेशी प्रोफेसर ने पाकिस्तान से जेएफ-17 फाइटर जेट खरीदने और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में विद्रोहियों को मदद देने की सलाह भी दी थी।
बायरकतार टीबी-2 ड्रोन का इस्तेमाल केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं है। पाकिस्तान और मालदीव जैसे देशों ने भी तुर्की से यह ड्रोन खरीदा है। पाकिस्तान ने इस ड्रोन को अपनी स्वदेशी बुरक एयर-टू-सर्फेस मिसाइल से लैस किया है। यूक्रेन और आर्मीनिया-अजरबैजान युद्धों में इस ड्रोन ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है और इसे अब दुनिया भर में युद्ध तकनीक में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
यूक्रेन युद्ध के दौरान बायरकतार टीबी-2 ड्रोन ने रूस के खिलाफ महत्वपूर्ण हमले किए। हालांकि अब रूस ने इन ड्रोन को नष्ट करने के उपाय भी खोज लिए हैं और कई ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है। बावजूद इसके बांग्लादेश द्वारा इन ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय सीमा के पास एक नए रणनीतिक मोर्चे को खोलता है। जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।