बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय का अभिनव शोध

  • Post By Admin on Jan 22 2025
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय का अभिनव शोध

मुजफ्फरपुर : बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने पारंपरिक भारतीय नाश्ते मुरुक्कू के एक स्वास्थ्यवर्धक संस्करण के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस नये मुरुक्कू में हरे केले का आटा और मोटे अनाज का समावेश किया गया है, जो समकालीन आहार वरीयताओं के अनुरूप पोषण मूल्य को बढ़ाता है।

नवीन शोध की प्रमुख बातें

इस शोध का नेतृत्व प्रो. राय ने किया जिसमें एमएससी खाद्य प्रौद्योगिकी की छात्रा टोमाली साहा, मिजोरम विश्वविद्यालय के श्री मनीष कुमार सिंह और बीएचयू के डॉ. अरविंद कुमार शामिल थे। शोध टीम ने उच्च-रिज़ॉल्यूशन मास स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग कर मुरुक्कू की पोषण संरचना का विश्लेषण किया और 40 प्रमुख बायोएक्टिव मेटाबोलाइट्स की पहचान की, जिनमें जिनसनोसाइड, ओरोटिक एसिड और टोकोट्रिएनॉल शामिल हैं। ये यौगिक कैंसर, मधुमेह और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने, एंटी-इंफ्लेमेटरी और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं।

कार्यात्मक खाद्य पदार्थों में प्रगति

इस शोध ने कार्यात्मक खाद्य पदार्थों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की ओर इशारा किया है। पारंपरिक पाक-कला पद्धतियों को आधुनिक पोषण विज्ञान के साथ जोड़कर, प्रो. राय और उनकी टीम ने हरे केले के आटे और बाजरे के उपयोग से टिकाऊ और स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स बनाने की क्षमता प्रदर्शित की है।

मेटाबोलोमिक्स उपकरणों का महत्व

शोध में मेटाबोलोमिक्स जैसे फ़ूडोमिक्स उपकरणों की भूमिका पर भी जोर दिया गया है जो कार्यात्मक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सटीक रूपरेखा तैयार करने में सहायक होते हैं। यह शोध प्रतिष्ठित पत्रिका 'फ़ूड एंड ह्यूमैनिटी' में प्रकाशित हुआ है  जो वैश्विक खाद्य विज्ञान समुदाय पर इसके प्रभाव को दर्शाता है।

प्रो. राय की प्रतिक्रिया

प्रो. राय ने इस शोध के प्रति उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "यह शोध पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थों की अपार क्षमता को प्रदर्शित करता है। हरे केले के आटे और बाजरा जैसे पौष्टिक तत्वों को शामिल कर, हम अधिक स्वस्थ और टिकाऊ स्नैक विकल्प बना सकते हैं।" उन्होंने बाजरे को संतुलित आहार का एक प्रमुख घटक बताते हुए इसके पर्यावरणीय लाभों को भी रेखांकित किया।

शोध में निरंतरता

गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष में कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने 14 उच्च स्तरीय शोध पत्रिकाओं में अपने शोध प्रकाशित किए हैं। उनके शोध कार्य खाद्य विज्ञान, कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं जो न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता को दर्शाते हैं, बल्कि पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थों के पोषण मूल्य को बढ़ाने में भी मददगार हैं।