केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईजी शिवदीप लांडे का इस्तीफा किया मंजूर
- Post By Admin on Jan 16 2025

पटना : बिहार कैडर के चर्चित आइपीएस अधिकारी और आइजी शिवदीप लांडे का इस्तीफा अब औपचारिक रूप से मंजूर कर लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके इस्तीफे को स्वीकृति देते हुए एक अधिसूचना जारी की है। शिवदीप लांडे ने पिछले साल सितंबर में पूर्णिया के आइजी पद से इस्तीफा दिया था और अब इस इस्तीफे को मंजूरी मिल गई है। हालांकि, अभी तक उन्होंने अपनी आगे की योजना को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
2006 बैच के आइपीएस अधिकारी थे शिवदीप लांडे
शिवदीप लांडे 2006 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। उनका इस्तीफा पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था। गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद अब इसे सार्वजनिक रूप से नोटिफाई किया गया है।
फेसबुक पर खुद दी थी इस्तीफे की सूचना
शिवदीप लांडे ने खुद अपने फेसबुक पेज पर इस्तीफा देने की जानकारी साझा की थी। उन्होंने लिखा था, “मैंने भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) से त्यागपत्र दिया है, लेकिन मैं बिहार में ही रहूंगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी। जय हिन्द।” उनके इस्तीफे से बिहार पुलिस विभाग में हलचल मच गई थी और कई सवाल उठ रहे थे, लेकिन अब यह आधिकारिक रूप से मंजूर हो गया है।
बिहार पुलिस में बदलाव : डीजीपी ने की नई पहल
दूसरी ओर, बिहार पुलिस में बड़ा बदलाव किया गया है। डीजीपी विनय कुमार ने एक नई पहल के तहत बिहार पुलिस के वरीय अधिकारियों को अलग-अलग जिलों का प्रभारी नियुक्त किया है। इस बदलाव का उद्देश्य पुलिस की कार्यप्रणाली की निगरानी और सुधार करना है।
नोडल अधिकारियों को सौंपे गए जिले, हर महीने करेंगे समीक्षा
पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआइजी), पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) और अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रैंक के अधिकारियों को अब जिला प्रभारी बनाया गया है। ये अधिकारी जिले में ओवरआल पुलिसिंग की मानीटरिंग करेंगे और डीएसपी से लेकर एसएसपी तक के कामकाज की समीक्षा करेंगे।
पुलिस मुख्यालय के एडीजी कुंदन कृष्णन को पटना जिले का प्रभारी नियुक्त किया गया है। जबकि डीआइजी हरप्रीत कौर को कैमूर और आर्थिक अपराध इकाई के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लन को रोहतास का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। इन अधिकारियों को हर माह अपने प्रभार वाले जिले का दौरा करना है और पुलिस के कामकाज की समीक्षा करनी है।
समीक्षा के 19 बिंदु तय किए गए
पुलिस विभाग द्वारा समीक्षा के लिए 19 बिंदु तय किए गए हैं। इनमें लंबित कांडों का निष्पादन, स्पीडी ट्रायल, कांडों के अनुसंधान में निर्देशों का अनुपालन, थानों का निरीक्षण और जनता दरबार जैसी चीजें शामिल हैं। अधिकारी हर माह इस पर रिपोर्ट तैयार करेंगे और उसे डीजीपी को सौंपेंगे।