आचार्य किशोर कुणाल को भारत रत्न देने की उठी मांग

  • Post By Admin on Jan 08 2025
आचार्य किशोर कुणाल को भारत रत्न देने की उठी मांग

मुजफ्फरपुर : बिहार सरकार को एक पत्र के माध्यम से बिहार के प्रमुख सांस्कृतिक और प्रशासनिक व्यक्तित्व आचार्य किशोर कुणाल को भारत रत्न सम्मान से नवाजने की सिफारिश की गई है। यह पत्र कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के संग्रहालय निदेशालय के रामचंद्र शाही संग्रहालय मुजफ्फरपुर के सलाहकार समिति सदस्य शंभु मोहन प्रसाद ने लिख कर मुख्यमंत्री को भेजा है। पत्र में आचार्य कुणाल के योगदान को विशेष रूप से सराहा गया है और उनकी जीवनी को विद्यालय की पाठयपुस्तकों में शामिल करने का आग्रह किया गया है ताकि आगामी पीढ़ी उनके जीवन और कार्यों को समझ सके।

भारत रत्न की सिफारिश और अन्य महत्वपूर्ण सुझाव

पत्र में शंभु मोहन प्रसाद ने आचार्य किशोर कुणाल की प्रतिमा पटना के महावीर मंदिर परिसर और उनके जन्म स्थान मुजफ्फरपुर के मोतीपुर बरूराज में स्थापित करने का सुझाव दिया है। साथ ही, उनकी पुण्य तिथि पर हर वर्ष राजकीय स्तर पर समारोह आयोजित करने की भी सिफारिश की गई है। यह समारोह पटना और मोतीपुर बरूराज दोनों स्थानों पर मनाया जाए, ताकि उनके योगदान को श्रद्धा और सम्मान के साथ याद किया जा सके।

इसके अलावा, पत्र में आचार्य कुणाल के व्यक्तित्व पर आधारित चित्रों को प्रदर्शित करने का आग्रह किया गया है। यह चित्र बिहार संग्रहालय पटना और रामचंद्र शाही संग्रहालय मुजफ्फरपुर की दर्शक दीर्घाओं में रखे जाएं ताकि लोग उनके जीवन को करीब से जान सकें और आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा मिले।

आचार्य कुणाल के योगदान की सराहना

मुजफ्फरपुर के मोतीपुर बरूराज में जन्मे आचार्य किशोर कुणाल एक कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी रहे। उनका जीवन जनता की सेवा में समर्पित था। उन्होंने महावीर मंदिर पटना के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके साथ ही महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर कैंसर संस्थान और महावीर वात्सल्य अस्पताल जैसे कई चैरिटेबल संस्थानों की स्थापना की। इसके अलावा, वह धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक भी रहे और राम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या के सदस्य के तौर पर राम मंदिर निर्माण में सहयोग दिया।

किशोर कुणाल ने सीतामढ़ी के जानकी मंदिर, पुनौरा धाम मुजफ्फरपुर के गरीब नाथ मंदिर, पूर्वी चंपारण के विराट रामायण मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों के विकास में भी सक्रिय योगदान दिया। उनके कार्यों ने न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में एक आदर्श स्थापित किया है।

बिहार के लिए गौरवमयी व्यक्तित्व

पत्र में कहा गया है कि आचार्य किशोर कुणाल का व्यक्तित्व बिहार ही नहीं, पूरे देश के लिए गौरव का प्रतीक है। उनके योगदान और सेवा भाव को देखते हुए यह आवश्यक है कि बिहार सरकार उन्हें उचित सम्मान प्रदान करे ताकि उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को आने वाली पीढ़ी याद रखे और प्रेरित हो।