फ्लिपकार्ट डिलीवरी बॉय प्रकाश मिश्रा के परिजनों को न्याय दिलाने तक चलेगा आंदोलन : भाकपा-माले
- Post By Admin on Jan 24 2025

मुजफ्फरपुर : भाकपा-माले के बैनर तले गुरुवार को श्रद्धांजलि मार्च का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने डिलीवरी बॉय प्रकाश मिश्रा के हत्यारे की गिरफ्तारी, मृतक के परिजनों को मुआवजा और ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा किए जा रहे श्रम कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह मार्च माले जिला कार्यालय हरिसभा चौक से शुरू होकर कल्याणी, मोतीझील, धर्मशाला चौक, स्टेशन रोड, हॉस्पिटल रोड और कंपनी बाग होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा।
मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिवार को ₹50 लाख मुआवजा देने, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के शोषण पर रोक लगाने और कंपनी के लिए सर्विस नियमावली बनाने की मांग की। उन्होंने नारे लगाए कि “डिलीवरी बॉय को न्याय दो” और “ई-कॉमर्स कंपनी के शोषण पर रोक लगाओ।” जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में प्रदर्शनकारियों ने लोक सूचना पदाधिकारी को अपनी सात सूत्री मांग पत्र सौंपा।
सूरज कुमार सिंह ने कहा, “प्रकाश मिश्रा की हत्या के मामले में फ्लिपकार्ट के अधिकारियों की उदासीनता सवालों के घेरे में है। कंपनी के पदाधिकारी अभी तक सामने नहीं आए हैं और न ही मृतक के परिजनों को कोई मुआवजा मिला है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो हम कंपनी के पदाधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करवाने के लिए मजबूर होंगे।”
डिलीवरी बॉय संघ के नेता शशांक कुमार ने कहा, “हम डिलीवरी बॉय 365 दिन और 16 घंटे काम करते हैं, लेकिन हमें न तो पहचान पत्र दिया जाता है, न ही नियमित वेतन मिलता है। छुट्टी पर जाने पर हमारी पेमेंट रुक जाती है और टीडीएस काटने के बावजूद पीएफ जमा नहीं किया जाता है।”
आइसा ज़िला अध्यक्ष दीपक कुमार ने आरोप लगाया, “फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां बिहार के बेरोजगार नौजवानों का शोषण कर रही हैं। इन कंपनियों को अब जवाब देना होगा कि वे इस तरीके से मजदूरों का शोषण नहीं कर सकतीं।”
मुखिया कालिकांत झा ने कहा, “प्रकाश मिश्रा एकमात्र कमाने वाला सदस्य था और उसकी पत्नी और दो छोटी बच्चियों का भरण-पोषण अब एक बड़ा सवाल बन चुका है। फ्लिपकार्ट को मृतक के परिजनों को ₹50 लाख मुआवजा देना चाहिए और उनकी पत्नी को नौकरी देना चाहिए।”
इंसाफ मंच के जिलाध्यक्ष फहद जमा ने कहा, “ई-कॉमर्स कंपनियां बिना किसी नियम-कानून के लाखों नौजवानों की मजबूरी का फायदा उठा रही हैं। सरकार को इस सेक्टर के लिए नियम और कानून बनाना चाहिए।”
माले नगर कमिटी सदस्य शाहनवाज हुसैन उर्फ नौसाद ने आरोप लगाया, “इस कंपनी में डिलीवरी बॉय को अपनी मोबाइल रिचार्ज और पेट्रोल खर्च खुद उठाना पड़ता है। कंपनी के पास पार्सल के खो जाने पर भी भुगतान करने की नीति है। जबकि हर प्रोडक्ट का बीमा किया गया होता है। यह दोहरी वसूली है। जिसे रोका जाना चाहिए।”
प्रदर्शन में कई अन्य कार्यकर्ता भी शामिल थे। जिनमें अमित मिश्रा, प्रेम प्रकाश, राजीव कुमार, किशन कुमार, राजकिशोर प्रसाद, विजय गुप्ता, रतन कुमार और अन्य ने भी अपनी आवाज उठाई।
माले नगर सचिव सूरज कुमार सिंह ने घोषणा की कि जब तक फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों द्वारा किए जा रहे श्रम कानूनों के उल्लंघन पर रोक नहीं लगती और मृतक के परिजनों को न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।