महिला हिंसा जागरूकता कार्यक्रम में आत्मरक्षा प्रशिक्षणार्थियों ने लिया सामूहिक शपथ
- Post By Admin on Dec 09 2024

लखीसराय : समाहरणालय के समीप स्थित खेल भवन में रविवार को महिला एवं बाल विकास निगम के तत्वावधान में महिला हिंसा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों और छात्राओं ने भाग लिया और विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय दी।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सह प्रभारी खेल पदाधिकारी मृणाल रंजन ने बाल विवाह को एक गंभीर सामाजिक बुराई बताते हुए इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “बाल विवाह समाज और राष्ट्र दोनों के विकास में बाधक है। हमें इसे समाप्त करने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा और इस बारे में अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों को जानकारी देकर एक नई चेतना अभियान चलाना चाहिए।”
कार्यक्रम में जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार ने महिलाओं और किशोरियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि महिलाएं और किशोरियां अक्सर लिंग आधारित हिंसा का शिकार होती हैं। जिसमें भ्रूण हत्या, लिंग परीक्षण और घरेलू हिंसा शामिल हैं। प्रशांत कुमार ने यह भी कहा कि हिंसा सहन कर कोई भी प्रगति या उत्थान संभव नहीं है।
कार्यक्रम में महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं पर भी चर्चा की गई। इनमें मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव, लिंग आधारित हिंसा, बाल विवाह उन्मूलन और मिशन शक्ति जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त महिला हेल्पलाइन 181, सखी वन स्टॉप सेंटर और घरेलू हिंसा से संबंधित मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों ने बाल विवाह मुक्त समाज निर्माण के लिए सामूहिक शपथ ली। ताइक्वांडो एसोसिएशन के सचिव और कोच बादल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि वह इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्रशिक्षणार्थियों को नियमित रूप से जानकारी देंगे।
इस कार्यक्रम में लैंगिक विशेषज्ञ नवीन कुमार, एमटीएस नबिंद्र दास और ताइक्वांडो प्रशिक्षणार्थी अमीषा पटेल, अरुणा, सीमरन, तुलसी, रूना समेत दर्जनों ताइक्वांडो प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे। इस आयोजन ने महिलाओं और किशोरियों के खिलाफ हिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कदम उठाया और उनके सशक्तिकरण की दिशा में एक नई पहल की।