दुनिया की कौशल राजधानी के रूप में उभरने की क्षमता है भारत में : गिरिराज सिंह

  • Post By Admin on Mar 30 2023
दुनिया की कौशल राजधानी के रूप में उभरने की क्षमता है भारत में : गिरिराज सिंह

बेगूसराय: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास की नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। आत्मनिर्भर हो रहा है तो दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। ऐसे में बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह के कुशल नेतृत्व में ग्रामीण विकास मंत्रालय गांव और ग्रामीण युवाओं के विकास की नई कहानी लिख रहा है। इसी कड़ी में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत ग्रामीण युवाओं को आजीविका प्रदान करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) की महत्वाकांक्षी पहल में कैप्टिव नियोक्ताओं के रूप में जोड़ने के लिए 19 नियोक्ताओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। जिसकी चर्चा दिल्ली से लेकर गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के गांवों तक हो रही है।

कैप्टिव एम्प्लॉयमेंट का उद्देश्य ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए स्थाई प्लेसमेंट सुनिश्चित करने वाले उद्योग भागीदारों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले एक गतिशील और मांग आधारित स्किल ईको-सिस्टम तैयार करना है। यह पहल डीडीयू-जीकेवाई कार्यक्रम के लिए एक पहल है, जो न्यूनतम दस हजार रुपये के सीटीसी के साथ कम से कम छह महीने के लिए उम्मीदवारों के प्रशिक्षण के बाद प्लेसमेंट देगी। यह कार्यक्रम ग्रामीण गरीबों के लिए उनकी नौकरी की जरूरतों और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए एक बड़ा वरदान साबित होने के साथ सतत विकास लक्ष्यों में भी योगदान देगा। इस पहल का उद्देश्य संबंधित पीआईए के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है, जो उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप है। चयनित कैप्टिव नियोक्ता ग्रामीण युवाओं को उनके संबंधित उद्योगों हॉस्पिटलिटी परिधान और वस्त्र, विनिर्माण, आईटी, आईटीईएस, दूरसंचार, खुदरा, बिजली आदि में प्रशिक्षण देंगे। इस अनूठी पहल के माध्यम से ग्रामीण गरीब युवाओं को 31 हजार से अधिक नौकरी दिए जाने की उम्मीद है।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि भारत में दुनिया की कौशल राजधानी के रूप में उभरने की क्षमता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय और नियोक्ताओं के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन इस उद्देश्य की दिशा में पहला कदम है। पहले चरण में 31 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करने और रोजगार प्रदान करने के लिए 19 नियोक्ताओं को लगाया जा रहा है। यह नियोक्ता गांव के गरीब युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे और प्रशिक्षित युवाओं को अपनी कंपनी या सहायक कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराएंगे। गिरिराज सिंह ने विश्वास जताया है कि भविष्य में सृजित नौकरियों की संख्या 30 हजार से बढ़कर एक लाख 30 हजार हो जाएगी। कैप्टिव रोजगार पहल ग्रामीण युवाओं को कुशल बनाने में अधिक उद्योग भागीदारी का रास्ता खोलेगा। उन्होंने कहा कि कैप्टिव एम्प्लॉयर योजना नौकरी चाहने वाले और नौकरी देने वालों के बीच की खाई को पाट देगी। नियोक्ता उक्त व्यवस्था में बदलाव लाने तथा इसे और अधिक फायदेमंद एवं प्रभावी बनाने के लिए सुझाव दें। मंत्रालय के साथ-साथ राज्यों को सीआईआई, फिक्की, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स और एमएसएमई संघों के साथ भी इसके लिए बैठक करने की जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तत्वावधान में ग्रामीण विकास मंत्रालय का प्लेसमेंट से जुड़ा कौशल कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम ग्रामीण गरीब युवाओं की रोजगार की जरूरतों पूरा करता है। इसे 25 सितम्बर 2014 को लांच किए गए इस कौशल कार्यक्रम को ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से वित्त पोषित किया गया है। यह कार्यक्रम वर्तमान में प्लेसमेंट पर जोर देते हुए ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए 27 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है। 877 से अधिक परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियां (पीआईए) 2369 से अधिक प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से करीब 616 रोजगार भूमिकाओं में ग्रामीण गरीब युवाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं। अब तक 14 लाख आठ हजार उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है। बदलते समय और ग्रामीण युवाओं की बदलती आकांक्षा के साथ कार्यक्रम दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। डीडीयू-जीकेवाई 2.0 दिशा-निर्देश मंत्रालय में अंतिम रूप देने के अग्रिम चरण में हैं। कार्यक्रम के इस नए संस्करण का उद्देश्य स्किल इको-सिस्टम से सुधार करने और इसे अधिक रोजगार उन्मुख बनाना है।