दरभंगा में मानवाधिकार दिवस पर लिया गया मानवाधिकारों की रक्षा का संकल्प

  • Post By Admin on Dec 11 2024
दरभंगा में मानवाधिकार दिवस पर लिया गया मानवाधिकारों की रक्षा का संकल्प

दरभंगा : 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस के मौके पर ए.डी.आर.-सह-मध्यस्थता केन्द्र, व्यवहार न्यायालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनोद कुमार तिवारी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और मानवाधिकार के महत्व पर प्रकाश डाला।

अपने संबोधन में विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि “मनुष्य की गरिमा ही मानवाधिकार का सार है” और यह हमारा मूल अधिकार है। उन्होंने कहा कि भारत के सांस्कृतिक इतिहास में भी मानवाधिकारों की अवधारणा प्राचीन काल में थी। जब समाज में हर व्यक्ति के अधिकारों का सम्मान किया जाता था। आधुनिक युग में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद मानवाधिकारों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली और 10 दिसंबर 1948 को मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की गई। 

उन्होंने यह भी बताया कि हमारे संविधान में स्वतंत्रता, समानता और न्याय को सर्वोपरि स्थान प्राप्त है। जो मानवाधिकार की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्यक्रम में एडीजे प्रथम रमाकांत ने कहा कि हमें केवल अपने मानवाधिकारों की रक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि दूसरों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम करना चाहिए। 

इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रंजन देव ने मंडल कारा में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मानवाधिकार केवल आम नागरिकों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बंदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी नियम बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

कार्यक्रम में चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री प्रकाशस्वरूप सिन्हा ने गिरफ्तार व्यक्तियों के अधिकार, महिला एवं पुरुष बंदियों के अधिकार और मुफ्त विधिक सेवा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन से बचने के लिए हमें सभी वर्गों को उनके अधिकारों से अवगत कराना आवश्यक है। 

इसी दिन सूचना भवन दरभंगा में उप निदेशक जन संपर्क सत्येंद्र प्रसाद द्वारा मानवाधिकार के महत्व के बारे में एक शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किया गया। इसमें उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने मानवाधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया।