पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

  • Post By Admin on Sep 25 2024
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

लखीसराय : पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर पर्यावरण भारती द्वारा जिले में व्यापक वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। इस दौरान फलदार और छायादार वृक्षों के साथ औषधीय पौधे भी लगाए गए। कार्यक्रम का नेतृत्व हिमांशु कुमार ने किया। इस अवसर पर पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने वृक्षारोपण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आज पूरे विश्व में तापमान बढ़ रहा है। इसी का परिणाम है कि आश्विन महीने में गंगा नदी में भीषण बाढ़ देखने को मिल रही है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इसका एकमात्र समाधान वृक्षारोपण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपने घरों के आसपास लघु सघन वन तैयार करने की जरूरत है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव से मानव जीवन को सुरक्षित रखा जा सके।

श्री शाण्डिल्य ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन का परिचय देते हुए बताया कि उनका जन्म 25 सितंबर 1916 को राजस्थान के धनक्या में हुआ था। उनका जीवन कठिनाइयों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुए भारत को एकात्म मानववाद जैसी महत्वपूर्ण विचारधारा दी। पंडित उपाध्याय ने संघ प्रचारक के रूप में अपना जीवन समर्पित किया और भारतीय जनसंघ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे एक महान विचारक और संगठनकर्ता थे, जिन्होंने साहित्य और राजनीति दोनों में अपनी गहरी छाप छोड़ी। 

वृक्षारोपण कार्यक्रम में आम, जामुन, कटहल, अमरूद, बेल, नींबू जैसे फलदार पौधों के साथ-साथ छायादार वृक्षों में पीपल और औषधीय वृक्षों में नीम के पौधे लगाए गए। इस अवसर पर कुल 15 पौधे लगाए गए। शाण्डिल्य ने कहा कि ऐसे महान व्यक्तित्व की जयंती पर वृक्षारोपण करना उनके विचारों और प्रकृति के प्रति समर्पण को जीवंत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने वृक्षारोपण को पर्यावरण संरक्षण का सबसे प्रभावी तरीका बताया और कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से निपटने का यही सबसे सशक्त उपाय है।

पर्यावरण भारती के इस अभियान में कई युवाओं और समाजसेवियों ने हिस्सा लिया। इनमें हिमांशु कुमार, आरजू बर्णवाल, नीरज नयन, प्रोफेसर अजय कुमार उपाध्याय, सुनील कुमार चंद्रवंशी, अंकित कुमार, नवनीत आनंद, चन्द्रशेखर आजाद, सुमित कुमार रवि, निजय कुमार, मनोज दयाल, मुकेश आचार्य, वीर कुमार, आरूष कश्यप, समरजीत, युवराज, सुधांशु आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने इस अभियान को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में संकल्प लिया। 

यह वृक्षारोपण कार्यक्रम न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में एक कदम था, बल्कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों और उनके योगदान को सम्मानित करने का भी एक प्रयास था।