भारत में दो भूकंप के झटके से सहमे लोग
- Post By Admin on Mar 05 2025

इम्फाल : भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में बुधवार को दो बड़े भूकंपों के झटके महसूस किए गए, जिससे क्षेत्र के लोग दहशत में आ गए। इन भूकंपीय घटनाओं ने न केवल मणिपुर, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत को हिला दिया। पहले भूकंप के बाद लोगों में खौफ फैल गया और फिर दूसरे भूकंप ने लोगों को और अधिक डराया। आइए जानते हैं इन भूकंपीय घटनाओं के बारे में विस्तार से।
पहला भूकंप - 5.7 तीव्रता का
बुधवार को मणिपुर में पहला भूकंप पूर्वाह्न 11:06 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.7 मापी गई। इसका केंद्र मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के यायरिपोक से 44 किलोमीटर पूर्व में था और भूकंप की गहराई 110 किलोमीटर तक थी। इस भूकंप के झटके मणिपुर के अलावा असम, मेघालय और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी महसूस किए गए। शिलांग स्थित क्षेत्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, यह भूकंप बहुत ही तेज था, जिससे इलाके में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
दूसरा भूकंप - 4.1 तीव्रता का
पहले भूकंप के कुछ समय बाद, मणिपुर में दूसरा भूकंप दोपहर 12:20 बजे महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 4.1 थी। इस भूकंप का केंद्र मणिपुर के कामजोंग जिले में था और इसकी गहराई 66 किलोमीटर थी। इस भूकंप के झटके भी राज्य भर में महसूस किए गए, जिससे लोग फिर से दहशत में आ गए। भूकंप के कारण मणिपुर में कई इमारतों में दरारें देखी गईं हैं, हालांकि इस घटना में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
नुकसान और स्थिति की जांच जारी
इंफाल में एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि भूकंप के बाद कुछ इमारतों में दरारें पाई गई हैं और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। फिलहाल, किसी भी प्रकार की बड़ी जनहानि की सूचना नहीं मिली है, लेकिन अधिकारियों द्वारा स्थिति की जांच की जा रही है।
पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में इस भूकंप का कोई खास नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन भूकंप के झटके लोगों के बीच चिंता का कारण बने हैं।
भूकंप के प्रति जागरूकता और सुरक्षा उपाय
भूकंप के झटकों के बाद, लोग राहत की सांस लेते हैं लेकिन भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के बाद नागरिकों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जाती है और भूकंप के दौरान लुड़कने या गिरने से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
इस घटनाक्रम ने यह भी स्पष्ट किया कि भूकंपीय गतिविधियों के प्रति जागरूकता और तैयारी की आवश्यकता है, विशेषकर उन इलाकों में जो भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील होते हैं।