58400 हेक्टेयर में हुई खरीफ फसलों की खेती, पैदावार में भरपूर वृद्धि की उम्मीद

  • Post By Admin on Aug 30 2024
58400 हेक्टेयर में हुई खरीफ फसलों की खेती, पैदावार में भरपूर वृद्धि की उम्मीद

लखीसराय : पिछले 2-3 वर्षों से सूखे और अकाल की मार झेल रहे लखीसराय के किसानों के लिए इस बार राहत की खबर है। अगस्त महीने में हुई अच्छी बारिश के कारण जिले में खरीफ फसलों की खेती का लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, जिससे इस बार पैदावार भरपूर होने की उम्मीद है। 

जिला कृषि पदाधिकारी सुबोध कुमार सुधांशु ने बताया कि जिले में कुल 58400 हेक्टेयर भूमि पर विभिन्न खरीफ फसलों की खेती की गई है। इनमें 8970 हेक्टेयर में मक्का, 41720 हेक्टेयर में धान, और 900 हेक्टेयर में अरहर की खेती शामिल है। इसके अलावा मिलेट्स के तहत बाजरा 204 हेक्टेयर, ज्वार 472 हेक्टेयर, कौनी 250 हेक्टेयर, और मडुआ 513 हेक्टेयर में उगाई गई है। इस बार फसल उत्पादन में व्यापक वृद्धि का अनुमान है।

श्री सुधांशु ने यह भी बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में है, खासकर यूरिया की, जो 3893 मीट्रिक टन उपलब्ध है। हालांकि, फास्फेटिक उर्वरकों जैसे डीएपी, एसएसपी, और एनपीएस की कमी है, जिनकी आवश्यकता 1000 मीट्रिक टन है, लेकिन वर्तमान में केवल 300 मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो पाया है। इस कमी का कारण केंद्र सरकार द्वारा कम मात्रा में आपूर्ति बताई जा रही है।

खाद की कालाबाजारी के मामलों पर कार्रवाई की जानकारी देते हुए डीएओ ने बताया कि कजरा में श्वेता खाद बीज भंडार द्वारा मूल्य से अधिक कीमत पर खाद बेचने की शिकायत पर जांच के बाद उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी किसी भी शिकायत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा, आगामी डिजिटल क्रॉप सर्वे को लेकर डीएओ ने बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 77055 जमीन का डेटा उपलब्ध कराया है। इस सर्वे में यह जानकारी ऑनलाइन की जाएगी कि किस जमीन पर कौन सी फसल लगी है। सर्वे के लिए किसान सलाहकारों को नियुक्त किया गया है, जिन्हें प्रति जमीन 5 रुपये का इंसेंटिव दिया जाएगा। इस सर्वे के बाद भविष्य में फसल क्षति के अनुदान भुगतान में आसानी होगी और आपदा से मिलने वाले लाभ, खासकर फसल सहायता योजना के तहत किसानों को मुआवजा भुगतान पारदर्शी और सरल हो जाएगा।