बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में कश्मीरी युवा विनिमय कार्यक्रम 2024-25 की हुई शुरुआत

  • Post By Admin on Jan 06 2025
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में कश्मीरी युवा विनिमय कार्यक्रम 2024-25 की हुई शुरुआत

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में रविवार को कश्मीरी युवा विनिमय कार्यक्रम 2024-25 का औपचारिक उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम में कश्मीर से आए लगभग 150 छात्र और उनके शिक्षक 5 से 10 जनवरी तक उत्तर बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होंगे। नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम “वतन को जानो” के नारे के साथ आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने अपने संबोधन में कश्मीर को भारत का मुकुट मणि बताते हुए कहा कि कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों के बीच सदियों पुराने मधुर संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ ताकतों ने इन संबंधों को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन भारत की मजबूत सांस्कृतिक जड़ों ने उन्हें सफल नहीं होने दिया। कुलपति ने कहा कि कश्मीर का विकास पूरे देश के विकास के लिए आवश्यक है और यह भारत के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कश्मीर की खुशहाली ही देश की खुशहाली का प्रतीक होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर के विकसित होने से पूरा देश विकसित होगा। विशिष्ट अतिथि, लंगट सिंह कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओमप्रकाश राय ने कश्मीर और बिहार के लोगों के बीच समानताओं को उजागर करते हुए कहा कि दोनों राज्यों के लोग विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करने और सफलता प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने से दोनों को फायदा होगा।

इसके साथ ही, प्रो. राय ने यह भी उम्मीद जताई कि बिहार और कश्मीर मिलकर भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कश्मीर से आए युवाओं के लिए लंगट सिंह कॉलेज में शानदार आवासीय व्यवस्था की गई है और 10 जनवरी तक कॉलेज ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कश्मीरी और बिहार के स्थानीय युवा एक साथ भाग लेंगे। इससे पहले, कश्मीरी युवाओं ने लंगट सिंह कॉलेज का भ्रमण किया और यहां की ऐतिहासिक धरोहरों और अद्भुत स्थापत्य कला को देखकर अत्यधिक प्रभावित हुए। कॉलेज के प्राचीन भवनों, पुस्तकालय और अन्य सुविधाओं ने कश्मीरी छात्रों को आश्चर्यचकित कर दिया।

कॉलेज के सभागार में एक पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से उन्हें महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के दौरान कॉलेज में आगमन और यहां आयोजित बैठकों के बारे में भी बताया गया। इस कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डॉ. अपराजिता कृष्ण, नेहरू युवा केंद्र के स्टेट हेड एसपी सिंह, साहित्यकार बासुदेव प्रसाद सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन जिला युवा पदाधिकारी रश्मि सिंह ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन मनीष कुमार ने दिया। इस मौके पर डॉ. हरिनारायण भारद्वाज, प्रो. संजीव मिश्रा, प्रो. पुष्पा कुमारी, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. शशिकांत पाण्डेय, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. धीरेंद्र कुमार, ऋषि कुमार समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। निष्कर्ष: यह कार्यक्रम कश्मीर और बिहार के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो दोनों राज्यों के युवाओं को एक साथ लाकर आपसी समझ और भाईचारे को बढ़ावा देता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से दोनों क्षेत्रों के युवा अपनी सांस्कृतिक धरोहर को एक-दूसरे से साझा करेंगे और भविष्य में मजबूत साझेदारी के लिए एक साझा मंच तैयार करेंगे।