पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं प्रगतिशील किसान
- Post By Admin on Jan 11 2023

बेगूसराय: किसानों को खेती में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई। बड़े पैमाने पर किसानों को इसका लाभ भी मिल रहा है। लेकिन अभी भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में किसान इस योजना के लाभ से वंचित हैं।
पीएम किसान सम्मान योजना के राज्य नोडल पदाधिकारी द्वारा स्पष्ट पत्र दिया गया है कि खेती करने वाले चतुर्थवर्गीय कर्मचारी भी इसका लाभ ले सकते हैं। लेकिन हालत यह है कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारी तो दूर बेगूसराय में प्रगतिशील खेती कर किसानों के सलाहकार बने किसान सलाहकार को भी इस योजना के लाभ से वंचित किया जा रहा है। किसान सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए 2019 से लोग आवेदन कर रहे हैं। आवेदन रद्द होने के बाद बार-बार पुनर्विचार याचिका दायर कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लाभ नहीं दिया जा रहा है। ताजा मामला छौड़ाही प्रखंड के एकम्बा निवासी प्रगतिशील किसान और किसान सलाहकार अनीश कुमार से संबंधित है। 2019 में उन्होंने योजना के लिए आवेदन किया, लेकिन उनके आवेदन को रद्द कर दिया गया। अधिकारियों ने रिपोर्ट किया कि अनीश के पिता सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हैं और अपने पिता के साथ रहते हैं। जबकि नियम स्पष्ट रूप से कहता है कि नाबालिग व्यक्ति अपने पिता के साथ रह सकता है। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने 50 वर्ष के अनीश कुमार को अपने पिता के साथ माना है। जबकि वे अपने पत्नी और बच्चों के साथ लंबे समय से अलग रहते हैं।
अनीश कुमार ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना में उप समाहर्ता राजेश कुमार सिंह के द्वारा मेरे आवेदन को पुनर्विचार पुनः विचार (अंतिम विकल्प) को अलोकतांत्रिक तरीके से रद्द कर दिया गया। जबकि मुझे किसान सम्मान योजना में शामिल करने के लिए राज्य नोडल पदाधिकारी का पत्र भी उप समाहर्ता को प्रेषित किया गया था। उन्होंने बताया कि 2019 में आवेदन रद्द होने के बाद हमने प्रमंडल से लेकर राज्य तक अपील किया। उन्होंने बताया कि मेरे नाम से 2008 से ही जमाबंदी (संख्या 1969) चल रही है। इसी एलपीसी पर भारतीय स्टेट बैंक से केसीसी ऋण प्रदान किया गया है, जिसके बदौलत में खेती कर पाता हूं। कृषि विभाग से कई कृषि यंत्र लिया, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई ड्रिप इरिगेशन लिया। मनरेगा योजना के तहत पौधारोपण किया, उद्यान विभाग के सौजन्य से इसी रसीद पर एक एकड़ में सेव की खेती कर रहा हूं। मेरे नक्शे कदम से किसान उन्नत कृषि को धरातल पर उतार रहे हैं। मेरे मामले को तीन माह तक निष्पादित नहीं होते देख कृषि विभाग बिहार के अपर निदेशक सह राज्य नोडल पदाधिकारी (पीएम किसान) द्वारा चार जनवरी 2023 को पत्र लिखकर निष्पादित करने का अनुरोध किया गया। पूर्व में भी अपर समाहर्ता बेगूसराय के द्वारा कई किसानों के वास्तविक आवेदन को निरस्त किया गया।
जिनके चलते हम जैसे प्रगतिशील किसानों ने सरकार से गुहार लगाई और सरकार ने मांगों को जायज ठहराते हुए एक बार पुनः आवेदन का मौका दिया। इस मौका को भी अपर समाहर्ता के द्वारा समाप्त कर दिया गया। जबकि जिला कृषि पदाधिकारी की अध्यक्षता में 19 दिसम्बर को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आयोजित कार्यशाला मे भी चर्चाएं की गई थी। सरकार की मंशा कतई नहीं है की वास्तविक रैयत किसान इस लाभ से वंचित रहें। डीएम से लेकर पीएम तक आज आवेदन भेज दिया हूं, अगर मेरे आवेदन पर विचार नहीं किया जाता है, मुझे न्याय नहीं मिलता है तो आमरण अनशन भी करूंगा।