अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे न्यायालय कर्मचारी, चार मांगों को लेकर आंदोलन जारी

  • Post By Admin on Jan 16 2025
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे न्यायालय कर्मचारी, चार मांगों को लेकर आंदोलन जारी

लखीसराय : बिहार राज्य व्यावहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर राज्यभर के न्यायालय कर्मचारियों ने अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। यह हड़ताल राज्य के सभी न्यायालयों में व्यापक प्रभाव डाल रही है। जिससे न्यायालय कार्यों में ठहराव आ गया है।

कर्मचारियों की चार प्रमुख मांगें 

वेतन विसंगति का समाधान : 
कर्मचारियों का कहना है कि उनके वेतन में असमानताएं हैं और वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर किया जाए।

तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को पदोन्नति : 
कर्मचारियों की दूसरी प्रमुख मांग तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की पदोन्नति है। उनका आरोप है कि इन कर्मचारियों के लिए पदोन्नति की प्रक्रिया में कई तरह की अड़चनें हैं। जिन्हें शीघ्र हल किया जाना चाहिए।

100 प्रतिशत अनुकंपा बहाली : कर्मचारियों की तीसरी मांग 100 प्रतिशत अनुकंपा बहाली है। वे इसे न्यायिक कर्मचारियों के अधिकार के रूप में देख रहे हैं और इसे तुरंत लागू करने की मांग कर रहे हैं।

विशेष न्यायिक कैडर की स्थापना : 
चौथी मांग में कर्मचारियों ने विशेष न्यायिक कैडर बनाने की मांग की है। जिससे न्यायालय कर्मचारियों को बेहतर कैरियर विकास के अवसर मिल सकें।

कर्मचारियों का कहना

कर्मचारियों का कहना है कि उनकी इन मांगों के समाधान के बिना कामकाजी परिस्थितियों में सुधार संभव नहीं है। हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने राज्य सरकार से अपनी आवाज को सुनने की अपील की है। कर्मचारी संघ का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो हड़ताल को और तेज किया जा सकता है और व्यापक आंदोलन की योजना बनाई जा सकती है।

न्यायालयों में प्रभाव

इस हड़ताल के कारण राज्यभर के न्यायालयों में कार्यवाही बाधित हो रही है। कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई रोक दी गई है और कर्मचारियों की हड़ताल के कारण न्यायिक कार्यों में देरी हो रही है।