बीकानेर सिलेंडर ब्लास्ट : लाखों का सोना मलबे में दबा, सवालों के घेरे में प्रशासन

  • Post By Admin on May 08 2025
बीकानेर सिलेंडर ब्लास्ट :  लाखों का सोना मलबे में दबा, सवालों के घेरे में प्रशासन

बीकानेर : बीकानेर के मदान मार्केट में हुए भीषण सिलेंडर ब्लास्ट से पूरे शहर में दहशत फैल गई है। बुधवार सुबह करीब 11 बजे हुए इस धमाके ने दो मंजिला बेसमेंट को पूरी तरह मलबे में बदल दिया, जिसमें अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार सुबह भी रेस्क्यू टीमें मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटी रहीं, लेकिन अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि और कितने लोग फंसे हो सकते हैं।

पूर्व सीएम गहलोत ने जताया दुख
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "बीकानेर में गैस सिलेंडर फटने से 9 लोगों की दुखद मौत की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें यह असहनीय दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।"

धमाके की तीव्रता ने हिला दिया शहर
धमाके की गूंज इतनी तेज थी कि पास के इलाकों में रहने वाले लोग भी सहम गए। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, "धमाका इतना जबरदस्त था कि एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे एयर स्ट्राइक हो गई हो।" मार्केट के आसपास का इलाका अचानक धुएं, चीख-पुकार और धूल के गुबार से भर गया। बेसमेंट और उसकी दो मंजिलें देखते ही देखते मलबे में तब्दील हो गईं।

रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधाएं
धमाके के बाद बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और फायर ब्रिगेड की टीमें लगातार मलबा हटाने और फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि अंदर फंसे लोगों की सही संख्या का अब तक अंदाजा नहीं लगाया जा सका है।

ज्वेलरी मार्केट में अवैध सिलेंडरों का जाल
मदान मार्केट बीकानेर की ज्वेलरी मेकिंग का प्रमुख केंद्र माना जाता है, जहां करीब 25 दुकानें थीं। शुरुआती जांच में पता चला है कि यहां घरेलू उपयोग के अवैध गैस सिलेंडरों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा था, जो सुरक्षा मानकों का घोर उल्लंघन है। प्रशासन ने घटना के बाद जांच के आदेश दिए हैं कि इतने बड़े स्तर पर अवैध सिलेंडर कैसे इस्तेमाल हो रहे थे।

लाखों का सोना मलबे में दबा
धमाके ने न केवल ज़िंदगियां छीन लीं, बल्कि व्यापारियों की वर्षों की मेहनत भी चंद सेकंड में राख कर दी। दुकानदार विकास सोनी ने बताया, "मेरी दुकान में करीब 160 ग्राम सोना था, सब मलबे में दब गया। अगर मैं 10 मिनट पहले पहुंचता, तो शायद मैं भी नहीं बचता।" अनुमान है कि मलबे के नीचे लाखों रुपए की संपत्ति फंसी हो सकती है, जिसकी सुरक्षा और रिकवरी अब प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।

प्रशासन पर उठे सवाल
इस हादसे ने प्रशासन की कार्यक्षमता और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या प्रशासन को इन अवैध सिलेंडरों की जानकारी थी? अगर थी, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? और अगर नहीं थी, तो रेगुलेटरी सिस्टम की नाकामी कौन मानेगा? फिलहाल, प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन पीड़ित परिवारों को न्याय और मुआवजा कब मिलेगा, यह बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है।