माणा गांव में हिमस्खलन से भारी तबाही, 42 मजदूर लापता

  • Post By Admin on Feb 28 2025
माणा गांव में हिमस्खलन से भारी तबाही, 42 मजदूर लापता

चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार सुबह विनाशकारी हिमस्खलन की घटना सामने आई है। भारत-चीन सीमा पर स्थित माणा गांव के पास बर्फ का बड़ा पहाड़ टूटने से 57 मजदूर दब गए, जिनमें से अब तक 15 को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जबकि 42 मजदूरों की तलाश जारी है। ये सभी मजदूर सीमा सड़क संगठन (BRO) के बताए जा रहे हैं, जो सड़क निर्माण कार्य में लगे थे।  

सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की समीक्षा के लिए आपातकालीन उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है और तेजी से राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं।  

हाईवे पर बर्फबारी के कारण बचाव में दिक्कतें

पिछले कई दिनों से चमोली के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही थी, जिससे इलाके में पहले से ही आवाजाही मुश्किल थी। बद्रीनाथ धाम से करीब तीन किलोमीटर दूर हाईवे के पास यह हिमस्खलन हुआ। बताया जा रहा है कि इस पूरे क्षेत्र में करीब 15 किलोमीटर तक बर्फ ही बर्फ बिछी हुई है, जिसके चलते बचाव दलों को पैदल ही घटनास्थल तक पहुंचना पड़ा।  

जोशीमठ से सेना की आपातकालीन टीम रवाना

माणा गांव भारत-चीन सीमा के पास होने के कारण सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इलाका है। सेना का बेस कैंप भी यहीं स्थित है, जिससे सेना के जवानों ने सबसे पहले मोर्चा संभाला। जोशीमठ से सेना की इमरजेंसी टीम और आईटीबीपी की रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। देहरादून स्थित आपदा कंट्रोल रूम से भी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।  

मौसम विभाग ने पहले ही दी थी चेतावनी

मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही चमोली जिले में भारी बर्फबारी और बारिश का अलर्ट जारी किया था। केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल घाटी में भी लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।  

बद्रीनाथ हाईवे ठप, केदारनाथ में बिजली गुल

केदारनाथ में तापमान -2 डिग्री तक गिर चुका है और बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग समेत कई सड़कें बर्फ से ढक गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। ऊखीमठ के पास कुंड और काकड़ागाड़ के बीच हाईवे बंद हो गया है।  

गौरीकुंड और नीतिघाटी में भी भारी बर्फबारी, औली में पर्यटन प्रभावित
  
गौरीकुंड में घर बर्फ की मोटी चादर से ढंक गए हैं, जबकि नीतिघाटी मार्ग भी पूरी तरह बंद है। भारत के "स्विट्जरलैंड" कहे जाने वाले औली में हिमपात से पर्यटन तो बढ़ा है, लेकिन स्थानीय लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। वहीं, नैनीताल और हल्द्वानी जैसे निचले इलाकों में भी लगातार तीन दिनों से बारिश जारी है।  

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जोखिम भरे इलाकों में न जाएं और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण राहत अभियान में कठिनाइयां आ रही हैं।