विस्थापित गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ गरजे अजीत कुमार, कहा- पहले बसाने की हो व्यवस्था

  • Post By Admin on Apr 15 2025
विस्थापित गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ गरजे अजीत कुमार, कहा- पहले बसाने की हो व्यवस्था

मुजफ्फरपुर : गंडक नदी के कटाव से विस्थापित हुए गरीब भूमिहीन परिवारों के समर्थन में मंगलवार को पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अजीत कुमार ने दादर गांव में प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर अगर प्रशासन ने गरीबों को उजाड़ने की कोशिश की, तो इसका डटकर विरोध किया जाएगा।

पूर्व मंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार जहां एक ओर हर गरीब को जमीन और पक्का मकान देने के लिए संकल्पित है, वहीं कुछ निकम्मे अधिकारी गरीबों को जबरन उजाड़ने में जुटे हैं, जो अत्यंत चिंता का विषय है। उन्होंने प्रशासन से स्पष्ट रूप से मांग की कि गरीबों को उजाड़ने से पहले उनके पुनर्वास की ठोस व्यवस्था की जाए।

अजीत कुमार ने कहा कि वर्ष 1975 की बाढ़ में दादर क्षेत्र के सैकड़ों गरीब परिवारों का घर गंडक नदी में समा गया था, जिसके बाद उन्हें बांध के किनारे वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बसाया गया था। अब 50 वर्षों से वे लोग वहीं रह रहे हैं, लेकिन आज उन्हें अतिक्रमण के नाम पर डराया-धमकाया जा रहा है, जो पूरी तरह से अमानवीय और गरीब विरोधी कदम है।

उन्होंने प्रशासन से मांग की कि भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराई जाए और भवन बनवाकर दिए जाएं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि सरकार यह व्यवस्था कर दे, तो 24 घंटे के अंदर सभी लोग सरकार द्वारा तय की गई जगह पर स्थानांतरित हो जाएंगे। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि वे भयमुक्त होकर अपने स्थान पर बने रहें। साथ ही घोषणा की कि वे एक-दो दिनों में जिलाधिकारी से मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे और नीति अनुरूप पुनर्वास की मांग करेंगे।

सभा में बड़ी संख्या में स्थानीय प्रभावित लोगों ने भाग लिया। इस दौरान अली हुसैन, मो. चांद, मो. मुर्तुजा, मो. इस्लाम, मो. सत्तार, मो. अकबर, नसीम खान, मयूबुन निशा, मो. ऐनूल, मो. कुड्डूस, मो. शमीम, मो. नईम, जाकिर खान, मो. इलियास, राम पुकार ठाकुर, बिट्टू थापा, कुसुम देवी, सुखारी पासवान, जितेंद्र पासवान, विमल सिंह, अरुण सिंह, संजय सिंह, सुभाष सिंह, विनोद सिंह, शत्रुघ्न सिंह, सुनील कुमार, रामदास पासवान और मिश्रीलाल शाह समेत कई प्रमुख लोगों की मौजूदगी रही।  

यह सभा प्रशासनिक रवैये के खिलाफ एकजुटता और गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक सशक्त संदेश बनकर सामने आई।