22 मार्च 2020: जब पूरे देश में पसरा सन्नाटा, यादगार बन गया जनता कर्फ्यू का दिन

  • Post By Admin on Mar 22 2025
22 मार्च 2020: जब पूरे देश में पसरा सन्नाटा, यादगार बन गया जनता कर्फ्यू का दिन

नई दिल्ली : 22 मार्च 2020... तारीख तो एक थी, लेकिन यह दिन भारतीय इतिहास में ऐसा दर्ज हुआ जिसे कोई भूल नहीं सकता। आज से पांच साल पहले इसी दिन पूरे देश ने अपनी मर्जी से खुद को घरों में कैद कर लिया था। देशभर की सड़कें सुनसान हो गई थीं, बाजार वीरान हो गए थे और एक अजीब सा सन्नाटा हर कोने में फैल गया था। वजह थी — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आह्वान किया गया 'जनता कर्फ्यू'।

सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक चला 'जनता कर्फ्यू'

प्रधानमंत्री मोदी ने 22 मार्च 2020 को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक पूरे देश में 'जनता कर्फ्यू' लगाने की अपील की थी। खास बात ये थी कि ये कोई सरकारी आदेश नहीं था, बल्कि जनता का खुद पर लगाया गया कर्फ्यू था। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए देश की जनता ने स्वेच्छा से अपने घरों में रहने का फैसला लिया और सड़कें पूरी तरह सूनी हो गईं। यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था जब उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक पूरे देश में एक जैसी खामोशी देखने को मिली थी। लोग बिना किसी पुलिसिया दबाव के अपने घरों में बंद हो गए थे।

कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने का था मकसद

केंद्र सरकार का मकसद था कि लोग कोरोना महामारी की गंभीरता को समझें और इससे बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतें। यही वजह थी कि जनता कर्फ्यू के जरिए लोगों को यह एहसास दिलाने की कोशिश की गई कि अगर समय रहते सतर्क नहीं हुए तो स्थिति भयावह हो सकती है। बाद में यह साफ हुआ कि यह 'जनता कर्फ्यू' असल में देश में लगने वाले लॉकडाउन की एक तरह से तैयारी थी, जिससे लोगों को मानसिक रूप से तैयार किया जा सके।

शाम 5 बजे बज उठी ताली-थाली और शंख

इस ऐतिहासिक दिन का सबसे यादगार पल शाम 5 बजे आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से अपील की थी कि शाम 5 बजे सभी लोग अपने-अपने घरों की बालकनी, छतों और दरवाजों पर आकर ताली, थाली, शंख या घंटी बजाएं और कोरोना से जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों और सफाईकर्मियों का सम्मान करें। मोदी की इस अपील का असर यह हुआ कि शाम होते ही पूरा देश तालियों और थालियों की आवाज से गूंज उठा। शहर हो या गांव, हर जगह लोग बाहर निकलकर थालियां, घंटियां, शंख और ताली बजाने लगे। यह नजारा ऐसा था, जो हर किसी के दिल में आज भी ताजा है।

जनता कर्फ्यू के बाद शुरू हुआ लॉकडाउन का दौर

जनता कर्फ्यू के ठीक दो दिन बाद 24 मार्च 2020 को देश में पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया। लेकिन 'जनता कर्फ्यू' ने बता दिया था कि भारत की जनता जब ठान ले, तो किसी भी चुनौती का डटकर सामना कर सकती है। आज भी 22 मार्च 2020 का वह दिन याद आता है, जब पूरे भारत ने एकजुट होकर दिखाया था कि हम एक हैं और किसी भी मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे के साथ खड़े रहेंगे।