क्या शादी से पहले कुंडली मिलाना है जरूरी,जाने प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा..
- Post By Admin on Feb 27 2025

जब किसी के घर परिवार में कोई बच्चा जन्म लेता है तो सबसे पहले उसकी कुंडली, जन्मपत्री बनवाई जाती है ताकि बड़े होने पर उस बच्चे का भविष्य कैसा होगा, उसकी शादीशुदा जिंदगी कैसी बीतेगा, कार्यक्षेत्र और बिजनेस आदि में कितना तरक्की करेगा, ये सब जान सकें। उस पर कौन सा ग्रह दोष, कौन सी संकट आ सकती है, आदि बातों को लोग जानने के लिए जन्मपत्री बनवाते हैं।खासकर, जब किसी की शादी होती है तो लोग लड़का-लड़की की कुंडली मिलाते हैं। अक्सर हिंदू धर्म में शादी करने से पहले दूल्हा-दुल्हन की कुंडली, जन्मपत्री आदि मिलाई जाती है, ऐसी मान्यता है कि इससे ये पता चलता है कि लड़का-लड़की के आपस में कितने गुण मिलते हैं, क्या उनकी शादी खुशहाल बीतेगी।कहीं कोई वैवहिक हिकजीवन में कड़वाहट, क्लेश, लड़ाई-झगड़े तो नहीं होंगे. ये भी देखा जाता कि लड़का या लडकी मांगलिक तो नहीं।
प्रेमानंद जी महाराज की एक सभा में जब एक महिला ने उनसे प्रश्न किया कि क्या कुंडली और जन्मपत्री बनवाना बहुत जरूरी होता है? इस प्रश्न का जवाब प्रेमानंद जी महाराज हंसते हुए देते हैं. वे कहते हैं कि ब्याह-व्याह करना हो तो जरूरी तो है ही बाबा जी बनवाना हो तो कई बात नहीं. वह आगे बोलते हैं कि आजकल तो ऐसा समय आ गया है कि कुंडली कौन देखता है, कितने गुण मिले आज ये सब कहां चल रहा है, अब तो लव मैरिज (प्रेम विवाह) भी होता है, इसमें कहां ये सब देखा जाता है।
तभी एक व्यक्ति सभा में बोलता है कि अब तो जिनकी कुंडली ज्यादा मिलती है, उनकी भी आपस में लड़ाई हो रही है,इस पर प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि देखो, लड़ाइयां तब बंद होगी, जब सद्विचार होंगे। कुंडली से थोड़ी हो जाएगी सद्विचार। आपका सद्विचार होगा तभी आप मंगल विचारों की तरफ बढ़ेंगे। यदि आपकी पत्नी कड़वा बोल भी रही है तो आप थोड़ा नम्र हो जाएं. तभी दोनों जीवनसाथी का जीवन मंगलमय होगा। ठीक है, कभी गुस्सा हो रही है तो आप थोड़ा शांत हो जाएं. फिर कभी जब पत्नी डाउन है तो अपनी बात आप रख दें। यदि पत्नी किसी कारणों से असंतुष्ट हो तो पति को संतुष्ट करना चाहिए।
बेहद जरूरी है कि आप समस्या को समझें।लड़ना, मारना-पीटना ये राक्षसी व्यवहार होता है, जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
तो इतना कहता हूं कि अगर आपका चरित्र पवित्र है तो हर बात सह लेना चाहिए। फिर चाहे वह पति हो या पत्नी एक-दूसरे की कमियों को सह लेना चाहिए। अगर कोई चरित्रहीन है तो फिर किसी भी हाल में संबंध नहीं चल पाएगा। यदि कोई और कमियां किसी में हैं तो चलेगा, लेकिन चरित्रहीन नहीं होना चाहिए।