रवि योग का शुभ संयोग : शिक्षा, निवेश और व्यापार में सफलता के साथ सूर्य उपासना से मिलेगी समृद्धि
- Post By Admin on Nov 01 2025
नई दिल्ली : कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि इस बार रविवार को पड़ रही है, जो ज्योतिष के अनुसार अत्यंत शुभ मानी जा रही है। इस दिन रवि योग का संयोग बन रहा है, जो शिक्षा, निवेश और व्यापार से जुड़े कार्यों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, रविवार को सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा कुंभ राशि में सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक रहेंगे, इसके बाद चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश करेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 तक रहेगा, जबकि राहुकाल शाम 4:12 से 5:35 तक रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अग्नि पुराण और स्कंद पुराण में वर्णित रविवार व्रत को रखने से सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्रत आरंभ करने के लिए शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से शुरुआत करना शुभ माना गया है, और लगातार 12 रविवार व्रत रखने के बाद उद्यापन करना चाहिए।
रविवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर सूर्य देव की पूजा, तांबे के पात्र में जल, फूल, अक्षत और रोली मिलाकर अर्घ्य देने की परंपरा है। “ऊं सूर्याय नमः” और “ऊं घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जप तथा आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
इस दिन गुड़ और तांबे का दान भी अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इन उपायों से सूर्य देव प्रसन्न होकर व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, समृद्धि और सफलता प्रदान करते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, रवि योग तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें या तेरहवें स्थान पर होता है। ऐसे में इस योग में किया गया कोई भी शुभ कार्य दीर्घकालिक सफलता देता है। इस कारण रविवार का यह दिन निवेश, व्यापार आरंभ या शिक्षा से जुड़े निर्णयों के लिए अत्यंत मंगलकारी माना गया है।