प्रशांत किशोर ने कर्पूरी जयंती पर 70 अति पिछड़ों को टिकट देने का किया ऐलान

  • Post By Admin on Jan 25 2025
प्रशांत किशोर ने कर्पूरी जयंती पर 70 अति पिछड़ों को टिकट देने का किया ऐलान

पटना : जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती के अवसर पर मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में एक अहम ऐलान किया। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी अति पिछड़ा समाज के 70 प्रतिनिधियों को टिकट देगी। इस पहल के तहत पार्टी न केवल उन्हें टिकट देगी, बल्कि चुनावी संसाधन भी प्रदान करेगी। प्रशांत किशोर ने राज्य के दोनों प्रमुख राजनीतिक गठबंधनों – एनडीए और महागठबंधन को चुनौती दी कि वे एक साथ आकर भी इस समाज के 70 लोगों को टिकट नहीं दे सकते।

इस अवसर पर प्रशांत किशोर ने कड़ी शब्दों में बिहार की मौजूदा सरकार को घेरा और कहा, “लाठी की चोट का जवाब वोट की चोट से देना है। जिन लोगों ने इस कड़ाके की ठंड में आपके बच्चों को लाठी से पिटवाया है, उन्हें सत्ता से बाहर करना है।” उन्होंने विशेष रूप से बीपीएससी छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज का जिक्र किया और कहा कि यह बर्बरता सिर्फ छात्रों की जाति देखकर नहीं की गई, बल्कि यह पूरी तरह से एक सत्ता की दमनकारी नीति का हिस्सा थी। प्रशांत किशोर ने इस घटना के संदर्भ में यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि इस प्रकार के अत्याचारों का जवाब जनता वोट के जरिए दे।

प्रशांत किशोर ने जन सुराज के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि बिहार में समतामूलक समाज की कल्पना केवल कर्पूरी ठाकुर के सपनों के अनुरूप ही पूरी हो सकती है, लेकिन पिछले 35 वर्षों में नीतीश कुमार और लालू यादव के नेतृत्व में बिहार को बर्बादी की तरफ धकेल दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने सामाजिक न्याय के नाम पर सिर्फ जनता का शोषण किया और बिहार को भ्रष्टाचार और कुप्रशासन की गिरफ्त में जकड़ लिया।

भूमिहीनों को जमीन, शिक्षा और रोजगार के बिना समतामूलक समाज का निर्माण असंभव है। इस पर जोर देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अभी 60% लोग भूमिहीन हैं और सिर्फ आठ जातियों के पास दो तिहाई भूमि है। जन सुराज सत्ता में आने पर तीन साल के भीतर भूमि सुधार लागू करेगा और हर नागरिक को समान शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।

प्रशांत किशोर ने जन सुराज के 5 मंत्रों का भी उल्लेख किया। जिनके माध्यम से वे बिहार में बदलाव लाने का इरादा रखते हैं। इनमें भूमि सुधार, समान शिक्षा, रोजगार की उपलब्धता, पूंजी का समुचित वितरण और सामाजिक न्याय के वास्तविक अर्थ को समझना शामिल है।

इस मौके पर प्रशांत किशोर ने जनता से अपील करते हुए कहा कि इस बार उनका संघर्ष केवल सत्ता से नहीं, बल्कि एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए होगा जो हर जाति, धर्म और वर्ग के लिए समान अवसर प्रदान करेगा।