कुमारी सैलजा की नाराजगी खत्म, राहुल गांधी संग करेंगी प्रचार की शुरुआत
- Post By Admin on Sep 25 2024

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के अंदर चल रहे आंतरिक संघर्ष ने नया मोड़ लिया है। दलित नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी, जो पार्टी की अंदरूनी चर्चाओं का हिस्सा रही है, अब खुलकर सामने आ गई है। सैलजा खुद को मुख्यमंत्री पद की दावेदार मानती थीं और उकलाना सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। हालांकि, पार्टी ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया और उनके किसी करीबी को भी टिकट नहीं दिया गया। इसके बजाय, हुड्डा खेमे के नरेश सेलवल को टिकट दिया गया, जिससे सैलजा नाराज हो गईं और प्रचार से दूरी बनाए रखीं।
जब भाजपा और बसपा ने सैलजा के अपमान को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला और इसे दलित समाज के अपमान से जोड़ा, तो कांग्रेस नेतृत्व को दलित वोटों के नुकसान का खतरा महसूस होने लगा। कांग्रेस को आशंका हुई कि इस मुद्दे को लेकर सैलजा की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है।
इस स्थिति को संभालने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद कुमारी सैलजा से बात की, जिसके बाद सैलजा का रुख बदल गया। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत के बाद सैलजा ने प्रचार में शामिल होने का फैसला किया है। इसके अलावा, उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की। अब खबर है कि सैलजा गुरुवार से प्रचार में उतरेंगी और राहुल गांधी के साथ मंच साझा करेंगी।
राहुल गांधी की हरियाणा के करनाल जिले की असंध सीट पर रैली होने वाली है, जहां से सैलजा खेमे के शमशेर सिंह गोगी चुनाव लड़ रहे हैं। इस रैली में सैलजा भी शामिल होंगी, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि हाईकमान अब उनके साथ खड़ा है। इसके अलावा, सैलजा टोहाना से परमवीर सिंह और हिसार में राम निवास रारा के लिए भी प्रचार करेंगी।
भाजपा और बसपा ने कुमारी सैलजा के अपमान का मुद्दा उठाया था, जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने एक दलित नेता को सम्मान नहीं दिया। इस मुद्दे को और हवा तब मिली जब नारनौंद में हुड्डा खेमे के एक नेता ने सैलजा के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी की। इस पर सैलजा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "आप खुद देख सकते हैं कि टिकट किन लोगों को दिए गए हैं। मेरा संघर्ष सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि हरियाणा की 36 बिरादरी के लिए है।"
कुमारी सैलजा का प्रचार अभियान राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने से शुरू होगा, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि पार्टी नेतृत्व अब उनके साथ है और उनकी नाराजगी को शांत कर लिया गया है।