चुनाव आयोग ने रिमोट वोटिंग पर राजनीतिक दलों से की चर्चा
- Post By Admin on Jan 16 2023

नई दिल्ली: चुनाव आयोग के समक्ष सोमवार को रिमोट वोटिंग के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने अपनी आपत्तियां दर्ज कराई। विपक्ष की रिमोट वोटिंग के विचार पर ही प्रश्न चिन्ह लगाए जाने के बाद रिमोट वोटिंग मशीन के प्रोटोटाइप का सोमवार को प्रदर्शन नहीं हुआ। वहीं आयोग ने रिमोट वोटिंग पर अपने विचार देने की अंतिम तारीख को एक महीने आगे बढ़ा दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक राजनीतिक दलों को अब 31 जनवरी की बजाए 28 फरवरी तक अपने विचार व सुझाव देने को कहा गया है। राजनीतिक दल मुद्दे पर पहले आम सहमति बनाना चाहते थे। विपक्ष रिमोट वोटिंग के विचार को लेकर असहज दिखाई दिया। विपक्षी दलों ने कहा कि रिमोट वोटिंग के बजाए चुनाव आयोग को शहरी उदासीनता को दूर करने पर काम करना चाहिए। चुनाव आयोग रोजगार, शिक्षा व अन्य कारणों से अपने गृह नगर से देश के अन्य स्थानों में रह रहे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम कर रहा है। इसके लिए तैयार की गई मशीन से रिमोट पोलिंग बूथ से ही 72 तक निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान करा सकते हैं। बहु निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली के प्रदर्शन के लिए 8 राष्ट्रीय और 41 राज्य स्तरीय पार्टियों ने भाग लिया। रविवार को हुई एक बैठक में, कांग्रेस के नेतृत्व में 16 विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की बैठक में भाग लेने के बाद कहा कि कोई भी विपक्षी दल आरवीएम का प्रदर्शन नहीं देखना चाहता। ऐसी मशीन होने पर पहले आम सहमति होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी भी इस प्रस्ताव का विरोध करती है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सरकार प्रवासी श्रमिकों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है तो चुनाव के लिए तीन अवकाश होने चाहिए। सिंह ने कहा कि मतदान को प्रोत्साहित करने के लिए मुफ्त बसें और ट्रेनें भी मुहैया कराई जा सकती हैं।
आयोग की ओर से दिए जाने वाले प्रदर्शन में तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य उपस्थित रहे। साथ ही आयोग ने अपेक्षित विधिक परिवर्तनों, प्रशासनिक प्रक्रिया में बदलाव और घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान की पद्धति सहित विभिन्न संबंधित मामलों पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से 31 जनवरी तक लिखित जवाब देने का अनुरोध किया है।
चुनाव आयोग का कहना है कि इससे अपने गृह और मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा और प्रवासियों को अपने गृह नगर या राज्य जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। चुनाव आयोग ने कानूनी, प्रशासनिक और प्रौद्योगिकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों की राय जानने के लिए अवधारणा पत्र जारी किया है।
आयोग का कहना है कि विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटाइप के प्रदर्शन को आधार मानकर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को जमीनी स्तर पर उतारने की प्रक्रिया उपयुक्त तरीके से आगे ले जाएगा।